मध्यप्रदेश /आगर-मालवा -महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ दर्ज कराने वाली बेटियों को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत जिलों में ब्राड एम्बेसडर बनाया जाये। हर साल नये ब्राण्ड एम्बेसडर बने और इन बालिकाओं को विशेष अवसरों पर सार्वजनिक रूप से सम्मानित भी किया जाये। इस आशय के निर्देश गत दिवस बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के क्रियान्वयन पर वात्सल्य भवन में आयोजित कार्यशाला में दिये गये। प्रमुख सचिव महिला बाल विकास श्री जे.एन. कंसोटिया, आयुक्त महिला एवं बाल विकास डॉ. अशोक कुमार भार्गव तथा भारत सरकार के उप सचिव श्री अशोक यादव ने कार्यशाला को संबोधित किया। कार्यशाला में प्रदेश के 42 जिलों के अधिकारियों ने सहभागिता की।
प्रमुख सचिव महिला बाल विकास श्री कंसोटिया ने कहा कि बालिकाओं के प्रति भेदभाव की मानसिकता कठिन चुनौती है। जन-मानस की सोच में बदलाव के लिये लगातार प्रयासरत रहना आवश्यक है। उन्होंने सभी जिलों में गतिविधि कैलेण्डर बनाकर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ को जन आंदोलन के रूप में चलाने की आवश्यकता बताई। आयुक्त डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने कहा कि बेटियों के लिये ‘‘पराया धन या बोझ’’ जैसे अठारहवीं सदी की मानसिकता दर्शाने वाले शब्दों का उपयोग न करते हुए सकारात्मक और गौरवान्वित महसूस कराने वाले शब्दों जैसे ‘‘मेरी बेटी मेरी शान’’, मेरी बेटी मेरा मान’’ का उपयोग करना चाहिए और इस भावना को व्यवहार में भी लाना होगा।
कार्यशाला में जानकारी दी गई कि भिण्ड, मुरैना, दतिया, ग्वालियर में शिशु लिंगानुपात में लगातार सुधार परिलक्षित हो रहा है। वर्ष 2021 की जनगणना में देश निश्चित ही बेहतर प्रदर्शन करेगा।
– राजेश परमार , आगर मालवा