उत्तर प्रदेश में आइसस्टॉक ने पैर पसारे, सर्वेश गोयल बने आइसस्टॉक एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के चेयरमैन

लखनऊ। शीतकालीन ओलंपिक का लोकप्रिय खेल आइसस्टॉक अब भारत में भी तेजी से पैर पसार रहा है। हालांकि इस खेल के अभ्यास की सुविधा देश में अभी सिर्फ चार राज्यों में उपलब्ध है। इस लिस्ट में अब उत्तर प्रदेश भी शामिल हो गया है।

इस बारे में आज आयोजित एक प्रेस वार्ता में आइसस्टॉक एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष डा.सैयद रफत जुबैर रिजवी ने बताया कि आइस स्टॉक खेल भारत सरकार द्वारा आयोजित शीतकालीन खेलों मे शामिल होने के साथ खेलो इंडिया गेम्स में भी शामिल है।

हम गर्व से बता रहे है कि उत्तर प्रदेश आइसस्टॉक खेल के अभ्यास की सुविधा वाला देश का पांचवां राज्य हो गया है। हम उत्तर प्रदेश में लखनऊ और आगरा में आइसस्टॉक ट्रेनिंग सेंटर खोलेंगे। उन्होंने कहा कि अभी उत्तर प्रदेश के आइसस्टॉक खिलाड़ियों को खिलाड़ियों को जम्मू-कश्मीर में प्रैक्टिस करनी पड़ती थी लेकिन आने वाले समय में उन्हें उत्तर प्रदेश में ही अभ्यास की सुविधा मिलेगी। उत्तर प्रदेश प्रदेश ने हाल ही में जर्मनी से ग्रीष्म काल में इस्तेमाल होने वाले स्टॉक खरीदे हैं।

जल्द ही खेल की प्रथम राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन होगा जिससे आगामी ग्रीष्मकालीन राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए खिलाड़ियों का चयन किया जाएगा। इसी श्रृंखला तीसरे शीतकालीन खेलो इंडिया खेलों के लिए खिलाड़ियों का चयन सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि इस साल फरवरी में हुई विश्व आइसस्टॉक चैंपियनशिप में भारतीय टीम का प्रतिनिधत्व करने वाले लखनऊ के आरिज हसन ने उत्तर प्रदेश व देश का गौरव बढ़ाया है। प्रदेश से लगातार राष्ट्रीय स्तर पर हमारे खिलाड़ी तालिका में अव्वल रहते हैं खेलो इंडिया शीतकालीन खेलों में लगातार दो बार से उत्तर प्रदेश के खिलाड़ी पदक प्राप्त कर रहे हैं।

आइसस्टॉक एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के चेयरमैन सर्वेश गोयल ने बताया कि आइसस्टॉक खेल को मैने देखा तथा इस खेल का रोमांच देखते हुए इससे जुड़ने का फैसला किया। हम इस खेल को उत्तर प्रदेश में बढ़ावा देने का प्रयास करेंगे। हम निजी स्कूलों में आइसस्टॉक के प्रचार व प्रसार के लिए काम करेंगे ताकि हमारे खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करने के लिए तैयार हो सके। इस दौरान गत फरवरी में हुई विश्व आइसस्टॉक चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधत्व करने वाले लखनऊ के आरिज हसन को सम्मानित भी किया गया।

आइसस्टॉक एसोसिएशन उत्तर प्रदेश की सचिव डा.किरन कश्यप ने इस खेल के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि आइसस्टॉक शीतकालीन खेल है जो शीतकालीन ओलंपिक का एक प्रमुख खेल है और अब इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (आईओसी) से इसे ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में भी मान्यता मिल गयी है। इस खेल को विंटर्स और समर दोनों में खेला जाता है।

उन्होंने आइसस्टॉक के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस खेल का विकास जर्मनी में हुआ है। इस खेल में टीम गेम, टीम टारगेट शूटिंग और डिस्टेंस कंप्टीशन होते है। इसके अलावा यहां स्पीड कंप्टीशन और व्यक्तिगत स्पर्धा भी होती है। इस खेल में एक टीम में चार एथलीट होते है जबकि एक विकल्प खिलाड़ी को भी जगह मिलती है।

इसमें खिलाड़ी को शॉट खेलते हुए तकनीक के साथ पूरी शक्ति के साथ जितना हो सके उतना स्लाइड करना होता है। इसमें इस्तेमाल होने वाले उपकरण में आठ प्रकार के हैंडल होते है। वहीं 4 तरह की प्लेट इस्तेमाल होती है और प्रत्येक टीम के पास अधिकतम 12 प्लेट होती है। इसमें स्टाक का वजन 3.5 से 4 किग्रा होता है जबकि इसकी रिंक तीन प्रकार जैसे- आइस रिंक, टाइल्स रिंक और डामर (asphalt) रिंक होती है।

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