बरेली। उत्तरायणी मेले के दूसरे दिन शुक्रवार को बरेली क्लब मैदान सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति के लिए उत्तराखंड के विभिन्न जिलों से आये कलाकारों ने अपनी प्रतिभा दिखाई। मेले में 150 से अधिक स्टॉल लगाये गये है, जहां पहाड की प्रसिद्ध बाल मिठाई, बांस को अचार के साथ खानपान के अन्य सामान भी उपलब्ध थे। यह मेला न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि कुमाऊ की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को भी प्रदर्शित करता है। मेले मे पारंपरिक कला, नृत्य और संगीत का प्रमुख केन्द्र माना जाता है। स्थानीय कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिये कुमाऊ की सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिये कुमाऊ की संस्कृति का प्रदर्शत करते है। मेले में बुनकरों और हस्तनिर्मित शॉल, कंबल, बांस की बस्तुए, लोहे के बर्तन और मसाले आदि की जमकर बिक्री होती है। ये उत्पाद कुमाँऊ की लोक कला ओर कारीगरों का अद्भुत उदाहरण का प्रदर्शन करते है। उत्तरायणी मेले के दूसरे दिन जैसे ही सुबह गुनगुनी धूप ने दस्तक दी वैसे ही लोगो ने उत्तरायणी मेले का रूख करना शुरू कर दिया। परिवार के साथ उत्तरायणी मेले का लुप्त उठाने के लिए लोग घरों से निकलने और जमकर खरीदारी करते हुये दिखाई दिये।।
बरेली से कपिल यादव