उत्तराखंड/ पौडी रिखणीखाल-रिखणीखाल प्रखंड के अंतर्गत उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक कोटड़ी के सभी उपभोक्ताओं को विगत 1 वर्ष से करोना के नाम पर झूठे आश्वासन मिल रहे हैं। बैंक उपभोक्ताओं को अपना ही पैसा समय पर नही मिल रहा हैं अनेकों शिकायतों के बाद भी बैंक कर्मियों के कान में जूं नही रेंगती।
खबर यह हैं कि उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक कोटड़ी सैंण विगत 1 वर्ष से मात्र 2 हजार रुपये ही एक दिन में देता हैं ग्राहकों को इस बात का खेद हैं कि आज हमारा ही पैसा हमें नही मिल रहा हैं। ग्रामीण बैंक कोटड़ी सैंण में सभी उपभोक्ताओं का पैसा फंसा हैं खेती काश्तकारों का यह क्षेत्र बैंक में रखी रक़म किसी भी उपयोग में नही इस्तेमाल कर पाती हैं बैंक कर्मियों का कहना हैं कि मात्र एक बार में ग्राहक 2000₹ की ही निकासी कर सकता हैं जिस से ग्राहकों को असुविधा हो रही हैं। सुविधाओं के अभाव से पहाड़ पहले ही जूझ रहे थे उस पर बैंक का रवैया जनता का मनोबल तोड़ रहा हैं। भविष्य के कठिन वक्त के लिए रखा गया पैसा भी कर्जदार की तरह लेना पड़े तो ग्रामीणों को बैंक का क्या लाभ हुआ। लोगों को भविष्य निधि साहूकार के खूंटे पर बंधी गाय की तरह लग रही हैं जिसे देख सकते हैं पर घर नही लेजा सकते।
अनेकों ग्रामीणों का आरोप हैं कि बैंक में स्थिति तीनों कर्मचारियों का व्यवहार असहनीय हैं बत्तमीजी से ग्राहकों के साथ व्यवहार किया जाता हैं। झुंझलाहट गैरजिम्मेदाराना रवैया अनावश्यक वार्तालाप कर्मचारियों का दैनिक व्यवहार हैं जिस कारण प्रायः ग्राहकों व कर्मचारियों के मध्य बाद विवाद हो जाता हैं। कभी आर्थिक जमा पूंजी का एक मात्र साधन आज क्षेत्र के लिए जी का जंजाल बना ग्रामीण बैंक कोटड़ी सैण। शादियों का सीजन शुरु हो चुका हैं मगर बैंक कहता हैं 2 हजार से अधिक की राशि के लिए 1 हफ्ता पहले डिमांड लिखाएं उस के बाद भी पैसा मिल जाएगा इस की कोई गारंटी नही हैं बैंक तोल्यों डांडा नवेतल्ली गुजरी बड़खेत टतैडिया डबराड से दुर्गम दुरस्त क्षेत्र के लोगों के लोगों को भी बैरंग लौटा रहा हैं ग्राहक 12 से 15km दूर से गाड़ी बुक कर के बैंक आते हैं इस उम्मीद से कि उन की पूरी रकम मिल जाये पर 2 हजार का झुंजुना लेकर वापस लौटना पड़ता हैं। ग्रामीण बैंक कोटड़ी सैण स्थानीय दुकानदारों पर निभर हैं जब स्थानीय दुकानदार पैसा जमा करेंगे बैंक तब अपने ग्राहकों को कैश देता हैं और स्थानीय दुकानदार शाम के समय ही कैश जमा करते हैं इस बात की भी कोई गारंटी नही कि कैश जमा होगा। बैंक खजांची ग्राहकों को कहते हैं किसी जमाकर्ता को लेकर आओ फिर उस से जो कैश आएगा मैं आप को पैसा दूंगा जो ग्राहकों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा हैं। बैंक कर्मियों की यह मिलीभगत भी हो सकती हैं अनेकों स्थानीय लोगों का कहना है स्थानीय दुकानदार लोगों से इस का 12 से 15 प्रतिशत भी वसूल कर रहे हैं जिस से ग्रामीण बैंक कोटड़ी सैण के ग्राहक अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। ग्राहकों का कहना हैं कि यदि अन्य कोई बैंक क्षेत्र में होता तो हम अपने खाता तोड़ देते पर आज मजबूरी बनी हुई हैं। क्योंकि रथुवा ढाब ग्रामीण बैंक लगातार ग्राहकों को सेवा दे रहा हैं रथुवा ढाब बैंक में कभी रोकड़ की कोई शिकायत नही आई कर्मचारियों का व्यवहार संतोषजनक रहता हैं फिर कोटड़ी सैंण में ही क्यों दिकतें आ रही हैं।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा जिला अधिकारी पौड़ी व ग्रामीण बैंक मुख्यालय देहरादून को शिकायती पत्र लिखा गया हैं जिस में सभी जनप्रतिनिधियों व सामाजिक कार्यकर्ताओं स्थानीय लोगों के दस्तखत होने के बाद पत्र प्रेक्षित किया जाएगा।
– पौड़ी से इन्द्रजीत सिंह असवाल