उत्तराखंड : रिखणीखाल महोत्सव का आगाज, संस्कृति -परंपरा की उमड़ी झलक

उत्तराखंड – जनपद पाैडी गढ़वाल में बहुप्रतीक्षित रिखणीखाल महोत्सव का शुभारंभ कालिंका देवी मंदिर बयेला से महिला मंगल दल बयेला व शिशु मंदिर रिखणीखाल द्वारा गाजे बाजों के साथ विधायक दिलीप रावत द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया ।सरस्वती वंदना राइंका रिखणीखाल व शिशुमंदिर के बच्चों द्वारा प्रस्तुत किया गया ।अतिथि स्वागतगान के बाद महोत्सव के आयोजकों ने बैज अलंकरण कर अतिथियों का स्वागत किया।प्रथम दिवस के कीर्यक्रमों में राप्रावि सींधी द्वारा पलायन पर नाटक,चैता की चैत्वाळी पर नृत्य,महिला मंगल दल डाबरी द्वारा थड़िया नृत्य तेरि मेरि हिमाला धरी ..तातामाछा सै मा धरि..तत्पश्चात् विधायक ने महोत्सव को एक ऐतिहासिक पहल कहकर कहा कि सामाजिक, सांस्कृतिक .,पारंपरिक सामंजस्य को एक मंच पर लाकर सराहनीय प्रयास है क्षेत्र विकास को समर्पण जरूरी है साथ ही निबंध,चित्रकला,कविता पाठ में विविध स्कूली छात्रों ने प्रतिभाग किया साथ ही वॉलावाल/ करकंदुक प्रतियोगिता का शुभारंभ मेजर श्याम सिंह गुसांई ने किया ।जिसमें पौराणिक खेल रूप में प्रसिद्ध खेल प्रति.में धूरा,सिरवाणा विजयी रहे ,यूथ फाउंडेशन द्वारा आयोजित सैन्य प्रशि.हेतु एक सौ छत्तीस में से कुल छब्बीस बच्चों का चयन हुआ।विविध स्टॉलों में कृषि,स्वास्थ्य,जिला विधिक सेवा,समाज कल्याण,बाल विकास ,विज्ञान प्रदर्शनी..सहित सोलह स्टॉल लगे ।जितेंद्र नवानी ने गढ़वाली गजल व मनमोहन गौनियाल ने लोकगीत सुनाया। कार्यक्रम में ब्लॉक प्रमुख लक्ष्मी देवी,सतेंद्र रावत,जेष्ठ प्र.यशोदा देवी,क.प्र.रेवत सिंह,जिला पंचायत अध्यक्ष प्रति.धीरजमणि,संयोजक देवेश आदमी,बीरेंद्र सिंह आदि लोग मौजूद रहे ।मंच का संचालन धनपाल सिंह रावत व विकास देवरानी ने किया।
-पौड़ी से इन्द्रजीत सिंह असवाल की रिपोर्ट

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