उत्तराखंड: आखिर कहां गया महिला सशक्तीकरण का नारा, क्याें लगानी पड रही कच्ची शराब की भट्टी

उत्तराखंड जनपद देहरादून में उत्तराखण्ड संघर्ष समिति भी उतरी प्रियंका के समर्थन में ।समिति का कहना है कि उत्तराखण्ड भाजपा के लोगों ने डेढ साल के शासनकाल में केवल अपनी व अपनाें की जेबे भरी है अपने चहेताें को फायदा दिलाया। आम आदमी के लिए कुछ नही किया यदि आम आदमी के लिए कुछ किया हाेता ताे शायद आज प्रियंका काे कच्ची शराब की भट्टी लगाने की जरूरत नही पडती। उत्तराखण्डियों को स्वरोजगार के लिए पहाड़ों पर जीवन व्यतीत कर रहे लोगों को उनकी गाँव की प्रॉपर्टी के अगेंस्ट लोन मिले उसके लिए क्या योजना बनाई ।

जबकि प्रधानमंत्री जी की इस याेजना में किसी प्रकार की काेई गारंटी नही है फिर पहाड़ पर स्थित बैंक क्याें नही दे रहे पात्र लाेगाें काे ये लाेन ?

राज्य सरकार व केंद्र सरकार दाेनाें महिलाओं के लिए हर समय कई प्रकार की याेजनायें लाती है व बेटी पढाआे बेटी बचाओ अभियान भी छेड़ रखा है सरकार के द्वारा ताे फिर इस बेटी को क्याें इस अधिकार से बंचित रखा गया है कहां गया प्रियंका के लिए महिला ससकतीकरण व देश प्रदेश के अंदर कई महिला संगठन बने हैं क्याें ये संगठन प्रियंका का समर्थन में नही आ रहे हैं क्या प्रियंका की गरीबी के कारण।

चाैबटाखाल के विधायक सतपाल महाराज जी से उनके आवास पर भी इस विषय पर चर्चा हुई पर नतीजा कुछ नहीं निकला। क्योंकि हमारे भाई बन्धू बैंकों में आवेदन करते हैं तो उनका कहना है आपकी प्रॉपर्टी का कोई मोल नहीं बैंकों के लिए ।
तो फिर उत्तराखण्ड के मूल पहाड़ी स्वरोजगार के लिए पैसे कहाँ से लाएं और प्रदेशों से वापस उत्तराखण्ड कैसे आएँ जब उनके लिए रोजी रोटी के कोई साधन ही नहीं। किस आधार पर स्वरोजगार करेंगे ।
योजनाओं, सरकार शासन प्रशासन की कार्यप्रणाली से तो यही लगता है क़ि जो लोग रह भी रहे हैं अपने गाँवों में उन्हें भी मजबूर किया जा रहा है पलायन करने के लिए और बाजारों या प्रदेश में व्यापारियों की दिन रात मजदूरी करने के लिए।

सरकारों की बेरुखी के कारण मातृशक्ति प्रियंका असवाल जिन्होंने मसाला उद्योग के जरिए स्वरोजगार की ठानी लेकिन सरकारी सहयोग के अभाव में लोन न मिलने के कारण ।

अब 15, अगस्त देश के 71 वें स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर पुराने जमाने की देशी शराब की भटी लगा रहे हैं कांडाखाल में, हमारा भी इस मातृशक्ति को पूर्ण समर्थन है मित्रों हम भी पूरी टीम के साथ पहुंच रहे हैं वहाँ अब स्वरोजगार के जरिए पेट पालने के लिए कुछ न कुछ तो करना ही पड़ेगा पहाड़ों पर जीवन बसर करने वालों को और ध्यान रखें प्रदेश में बस चुके मेरे बन्धुओं आपलोगों की बाप दादाओं की जागीरों की रक्षा भी यही लोग कर रहे हैं वहाँ बाहरी लोगों से ये भी नहीं रहेंगे।

यदि बारह अगस्त तक सरकार ने इस उद्योग काे हरी झंडी न दी ताे पंद्रह अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कच्ची शराब बनाने की भट्टी का उद्घाटन समारोह हाेगा।
जिसमें कि देश के प्रधानमंत्री जी व महामहिम राज्य पाल महाेदय सहित मुख्यमंत्री उत्तराखंड व पर्यटन मंत्री उत्तराखंड ओएसडी मुख्यमंत्री उत्तराखंड अभय सिंह रावत ,पीआरओ सतपाल जी महाराज राय सिंह नेगी सहित कई गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित किया जायेगा।
-उत्तराखण्ड संघर्ष समिति
डी पी एस रावत
प्रदीप बाैंठियाल

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