उत्तराखंड:गंतव्य के लिए पैदल जाने को मजबूर हैं लोग, ब्रांच रूटों में नहीं मिल रही यातायात की सुविधा

उत्तराखंड / रुद्रप्रयाग- यात्रा सीजन के चलते राष्ट्रीय राजमार्गाें और ब्रांच रूटों पर परिवहन की सुविधा न मिलने पर जन अधिकार मंच (सिविल राइट्स फोरम) के संयोजक मंडल के सदस्यों ने परिवहन मंत्री से मुलाकात कर समस्या बताई। मंच के सदस्यों ने नियमित रूप से बस और टैक्सी के संचालन की मांग की।

हर वर्ष यात्रा सीजन के दौरान जिले के ब्रांच रूटों पर बस व टैक्सी न चलने से आम लोगों को गंतव्य तक पहुंचने में परेशानी होती है। कई बार तो लोग पैदल चलने को मजबूर हो जाते हैं। इस समस्या को देखते हुए जन अधिकार मंच के सदस्यों ने परिवहन मंत्री यशपाल आर्य से मुलाकात की। मंच के सदस्यों ने परिवहन मंत्री को बताया कि यात्रा सीजन शुरू होने पर स्थानीय जनता को अपने गंतव्य तक जाने के लिए परिवहन की असुविधा का सामना करना पड़ता है। जिला मुख्यालय से 12 किमी दूर खांकरा, पांच किमी दूर जिला मुख्यालय, विकास भवन, बद्रीनाथ रोड़ पर रतूड़ा तक की जनता को परिवहन की सुविधा नहीं मिल पाती है।

यहां तक कि उत्तराखंड रोडवेज स्थानीय सवारियों को ले जाने में आनाकानी करती हैं। इसके इलावा जीएमओयू की बस व स्थानीय टैक्सी भी निकटवर्ती क्षेत्र के सवारियों को ले जाने से इनकार करते हैं। इससे विवश होकर लोगों को टैक्सी बुक करके आना-जाना पड़ता है। ब्रांच रूटों की बसें किसी भी हालत में यात्रा सीजन में बंद नहीं होनी चाहिए। क्योंकि वहां पर परिवहन का अन्य कोई विकल्प नहीं है। मंच के संयोजक मंडल ने बताया कि यात्रा सीजन में ब्रांच रूटों पर बस बिल्कुल ही नहीं चलती है। क्योंकि उक्त रूटों की बसें प्रशासन द्वारा यात्रा के लिए आवंटित की जाती है।

मंच ने माँग करते हुए कहा कि स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए रुद्रप्रयाग मुख्यालय से खांकरा, विकास भवन, कलक्ट्रेट, तहसील रुद्रप्रयाग व रतूड़ा तक के लिए सिटी बस की भांति परिवहन की व्यवस्था की जाए। मंच के सदस्य केपी ढौंडियाल, विनोद डिमरी, कृष्णानंद डिमरी, प्यार सिंह नेगी, सोबन सिंह, मोहित डिमरी ने कहा कि स्थानीय जनता को कलक्ट्रेट, विकास भवन व तहसील जाने में बहुत अधिक धन व्यय करना पड़ता है। विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं को गर्मी में अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। ब्रांच रूटों पर कम से कम दो बसें नियमित रूप से चलने से आम लोगों को राहत मिलेगी।

साभार माेहित डिमरी

– इंद्रजीत सिंह असवाल,पाैडी गढ़वाल उत्तराखंड

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