ईसाई समाज ने फतेहगंज पश्चिमी ब्रिटिश कालीन ग्रेवयार्ड पर जताया अपना हक

बरेली/फतेहगंज पश्चिमी। कस्बा मे स्थित ऐताहासिक कब्रिस्तान पर अपना हक जताया है। इस संबंध मे ईसाई समाज का एक प्रतिनिधि मंडल फतेहगंज पश्चिमी पहुंचा और कब्रिस्तान की हालत पर दुख जताया। ईसाई समाज के प्रतिनिधि मंडल ने मीडिया को बताया कि यह कब्रिस्तान ब्रिटिश काल से क्रिश्चियन कब्रिस्तान है।  रुहेला और ब्रिटिश सैनिकों में हुए जंग में बहुत सारे ब्रिटिश क्रिश्चियन भी मारे गए जिनकी कबरें आज भी इस कब्रिस्तान में मौजूद है। बहुत समय तक फ्री विल बैप्टिस्ट चर्च ने इस कब्रिस्तान की देखरेख की और समय समय पर यहां पर सफाई और पुताई का कार्य भी किया लेकिन कुछ हालात ऐसे बने की यहां लोगों का आना कम हो गया और आधा कब्रिस्तान दूसरे समुदाय हो गया। इसलिए ईसाई समाज के सभी पादरियों ने सरकार से अपील की कि उन्हें उस कब्रिस्तान का संरक्षण दोबारा दिया जाये क्योंकि अब बरेली मे उनके पास जो कब्रिस्तान थे वो पूरी तरह भर चुके है। अंतिम संस्कार के लिए उनके पास अब कोई जगह नही है इसलिए ईसाई समाज लगातार नए कब्रिस्तान की मांग कर रहा है। इसी क्रम मे सोमवार को फतेहगंज पश्चिमी मे स्थित कब्रिस्तान का भी निरीक्षण किया और सरकार से दोबारा इसको लेने की मांग की। ईसाई समाज के प्रतिनिधि मंडल मे पादरी आशीष मैसी ने कहा यह कब्रिस्तान ब्रिटिश काल से हमारा है और हमें ही मिलना चाहिए क्योंकि  हमारे पास अब कोई और जगह बाकी नही है। कब्रिस्तान पहुंचने वालों मे पादरी जॉन मैथ्यू, पादरी पीके यूहनन, पादरी सुमन बर्ज, पादरी संजय मसीह, प्रेम जोयल, पादरी नथैनियल लॉरेंस, आशीष पीटर, अमित मसीह, जागन लाल आदि मौजूद रहे।।

बरेली से कपिल यादव

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