बरेली। पुराना शहर में ईद मिलादुन्नबी के मौके पर निकलने वाले जुलूस को लेकर जहां शनिवार देर रात तक पुलिस और मुस्लिम समुदाय से जुड़े जिम्मेदार लोगों के बीच बातचीत होती रही तो दूसरी तरफ रविवार को भी इस बातचीत का कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। अयोजकों ने पुलिस की तरफ से दूसरा रास्ता दिए जाने की बात कही तो पुलिस दोनों पक्षों की सहमति के बाद ही कुछ हल निकल पाने का हवाला दे रही है। रविवार को मामला उस वक्त गर्मा गया जब हिंदू संगठन से जुड़े कुछ लोग विरोध मे बारादरी थाने पहुंच गए। थाना बारादरी क्षेत्र मे ईद मिलादुन्नबी पर जुलूस के रूट पर 20 घंटे से मची रार रविवार की शाम थम गई। दोनों पक्षों की तनातनी से फंसा पेंच सुलझा लिया गया है। जुलूस अब अल्पसंख्यक आबादी बाहुल्य बस्ती के दूसरे रास्ते से गुजरेगा। दोनों पक्षों की सहमति के बाद अफसरों ने मुहर लगा दी है। लिखापढ़ी होने के बाद अंजुमन रवाना हो जाएंगी। पिछले वर्ष दो समुदाय के लोगों में तनातनी के बाद जगतपुर में भारी फोर्स लगाकर जुलूस निकाला गया था। इस बार शनिवार रात से ही रविवार शाम प्रस्तावित जुलूस के रास्ते को लेकर तनातनी बढ़ गई थी। दरगाह आला हजरत के प्रमुख सुब्हानी मियां अड़ गए थे कि अगर जगतपुर में रवि की चक्की की ओर से रास्ता नहीं दिया गया तो वह लोग जुलूस नहीं ले जाएंगे। उनके एलान पर जुलूस में शामिल होने वाली सभी अंजुमन (छोटे जुलूस) का आगाज ही नहीं किया गया था। वही जगतपुर निवासी यज्ञदत्त शर्मा, संजीव प्रजापति आदि लोग अपनी बस्ती के रास्ते से जुलूस निकालने के विरोध मे अड़े थे। उन्होंने कहा कि नई परंपरा डालने की कोशिश की गई तो वह खामोश नही बैठेंगे। अधिकारी दोनों पक्षों से बातचीत कर बीच का रास्ता निकालने में जुटे थे और सभी रास्तों पर भारी फोर्स लगा दी है। शाम को दोनों पक्षों में सहमति हो गई कि थोड़ा सा रूट बदल लिया जाएगा। अंजुमन जुलूस ऐसे रास्ते से परंपरागत मार्ग पर निकाला जाएगा। जहां हिंदू आबादी के केवल आठ दस घर ही हैं। दरगाह से जुड़े लोगों का कहना है कि वह इस रूट से जुलूस ले जाने को तैयार हैं लेकिन कहीं ऐसा न हो कि उन पर नए रूट से जाने को लेकर कानूनी कार्रवाई कर दी जाए। इसलिए उन्हें लिखापढ़ी में यह रूट चाहिए। अधिकारी इसकी लिखापढ़ी करा रहे हैं। इसके बाद जुलूस निकाला जाएगा। बुखारपुरा मे जुलूस निकाले को सहमति बनी तो जोगी नवादा में विवाद शुरू हो गया। जुलूस की अंजुमन निकालने को लेकर दो समुदाय के लोग आमने सामने आ गए। रविवार रात जुलूस का रास्ता रोक कर हिन्दू समुदाय के लोग बैठ गए। अंजुमनों के साथ सैकड़ों की तादाद में मुस्लिम पक्ष लोगों का रोक दिया गया। हिन्दू पक्ष के मुताबिक कांवड़ यात्रा पर मुस्लिम पक्ष ने रोक लगावाई थी। लिहाजा वो जुलूस की किसी भी अंजुमन को निकालने नही देंगे। दोनों तरफ से जमकर खूब नारेबाजी होती रही। पुलिस प्रशासन हिन्दू पक्ष को समझाने पर जुटा हुआ था। लेकिन महिलाओं ने सड़कों पर बैठकर प्रदर्शन शुरू कर दिया।
बरेली से कपिल यादव