ईद उल फितर पर फिर कोरोना का साया, बंदी से ईद की तैयारियां फीकी

फतेहगंज पश्चिमी, बरेली। ईद का पर्व 14 मई को संभावित है। इस बीच प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना के मद्देनजर पूरे प्रदेश में आगामी 17 मई तक बंदी की गई है। इससे ईद की तैयारियां बिल्कुल फीकी हो गई है। मुस्लिमों के प्रमुख पर्व ईद-उल-फितर पर एक बार फिर कोरोना संक्रमण का साया मंडरा गया है। कोरोना कर्फ्यू के चलते प्रमुख त्योहार की रौनक नदारद हो चुकी है, जिससे बच्चों व बड़ों के चेहरे मुरझाए है। वहीं, रेडीमेड गारमेंट, कपड़ा व जूते-चप्पलों के कारोबारियों की तमाम उम्मीदें भी धराशायी हो गई है। कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों के चलते एक बार फिर ईद की रौनक पूरी तरह से नदारद हो चुकी है। शासन द्वारा लगातार बढ़ रहे मामलों के मद्देनजर एक बार फिर 17 मई तक कोरोना कर्फ्यू बढ़ाया जा चुका है, जिससे ईद का त्योहार भी इसकी भेंट चढ़ना तय माना जा रहा है। ऐसा दूसरी बार होगा घरों में रहकर ईद की नमाज अदा की जाएगी और त्योहार मनाया जाएगा। जामा मस्जिद, गौसिया मस्जिद सहित सभी मस्जिदों मे सिर्फ गिनती के लोग नमाज अदा करेगे, जिस तरह अलविदा जुमे की नमाज अदा की गयी। ईद को लेकर इस बार बाजारों में रौनक नही है लॉकडाउन की वजह से बाजार बंद पड़े हैं सुबह 6 से 11 बजे तक मिलने वाली छूट के दौरान आवश्यक वस्तुओं की दुकानें खोली जा रही है जबकि हर वर्ष रमजान माह मे देर रात तक बाजार खुलते थे। चांद रात पर तो पूरी रात बाजारों मे रौनक रहती थी। पिछले वर्ष कोरोना के चलते ईद की रौनक लॉकडाउन की भेंट चढ़ गई थी, लेकिन कई माह से हालात में सुधार व बाजार सामान्य रूप से खुलने के चलते कारोबारियों ने ईद की खरीदारी के लिए मोटा स्टॉक लगा लिया था। अब फिर से कोरोना कर्फ्यू की जद में आने के कारण ईद की बिक्री होनी संभव नहीं है। व्यापारी मोहम्मद अमान अजहरी ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण ईद पर व्यापारियों का मोटा नुकसान हुआ जब बाजार ही नही खुल रहा तो खरीदारी ही कहां होगी। अधिवक्ता इमरान अंसारी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि ऐसे नाजुक हालातों में घरों में रहकर ही ईद की नमाज अदा करे। साथ ही देश से कोरोना के खात्मे की दुआ करे।।

बरेली से कपिल यादव

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