ईद उल अजहा के दिन खुले में न करें जानवरों की कुर्बानी, सड़कों पर नही होगी नमाज

बरेली। शहर से लेकर देहात के लोगों को जागरूक करने पर जोर दिया है। दरगाह आला हजरत से जुड़े तमाम लोगों ने अपील की कि ईद उल अजहा के मौके पर कुर्बानी ऐसे स्थान पर करें, जिससे किसी दूसरे को तकलीफ ना पहुंचे। कुर्बानी खुले में कतई न करें, साफ-सफाई का खुद ध्यान रखें। अपील के जरिए संदेश दिया है कि कुर्बानी के बाद अवशेष सड़कों पर न डालें, बल्कि नगर निगम की ठेला गाड़ियों में ही डालें। खुद भी साफ सफाई का ध्यान रखें। जरा सी लापरवाही से शांति भंग हो सकती है, इसलिए पूरी तरह से सावधानी बरती जाए। दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां ने सभी देशवासियों को ईद-उल-अजहा के बारे में कहा कि ये त्योहार प्यार, मोहब्बत और खुशियों का त्योहार है। हमें ये शिक्षा भी देता है कि अल्लाह की राह में अपनी प्यारी से प्यारी चीज भी कुर्बान करने से पीछे न हटे। सभी लोग आपसी गिले शिकवे मिटा कर मिलजुल इस त्योहार को मनाए। गरीबों का खास ख्याल रखें। उन्होंने शासन प्रशासन से प्रदेश भर की ईदगाहों व मस्जिदों में ईद उल अजहा की नमाज अदा कराने में सहयोग की अपेक्षा की है। जमात रजा मुस्तफा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलमान मियां ने अपील की है कि कोई भी ऐसा काम ईद उल अजहा पर न हो, जिससे किसी भी तरह से कोई समस्या बनें और शहर के अमन-चैन पर उसका असर आए। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने उलमा और मुस्लिम समाज के लोगों के साथ बैठक कर कहा कि अफवाहों व भ्रांतियों पर ध्यान न दें और बिना अनुमति धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन न करें। धार्मिक स्थलों के बाहर बिना अनुमति सड़कों पर नमाज अदा नही होगी। उन्होंने कहा बिना तथ्यों के सोशल मीडिया पर माहौल खराब करने के लिए पोस्ट डाल दी जाती है। वही त्योहार को लेकर शहर के बाजार फिर से एक बार गुलजार हो उठे हैं। खासकर पुराने शहर में देर रात तक खरीदारी का सिलसिला शुरू हो गया है। कुतुबखाना, साहूकारा, बड़ा बाजार, सैलानी चौक सहित अन्य बाजार खरीदारों से खचाखच है। दुकानों में भीड़ पटी पड़ी है। कपड़े हो या जूते-चप्पल। हर कोई अपनी पसंद के सामान खरीदने के लिए बाजार के चक्कर लगा रहा है। वहीं, बर्तन की दुकानों में भी जबरदस्त भीड़ है।।

बरेली से कपिल यादव

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