गोरखपुर। इस्लाम धर्म के आखरी नबी मोहम्मद साहब के नवासे व कर्बला के अमर शहीद हज़रत इमाम हुसैन (अस) के जन्म दिवस के मौके पर गोलघर चेतना तिराहे पर निःशुल्क जलपान का विरतण अली ब्वायज कमेटी द्वारा किया गया।
इस अवसर पर मौलाना शमशाद अब्बास ने बताया कि इमाम हुसैन ने आज से लगभग 1450 वर्ष पूर्व कर्बला में शहीद होकर पूरी दुनिया को सब्र व इन्सानियत का पैगाम दिया था जो आज भी प्रसांगिक है। पैगंबर मोहम्मद साहब के नवासे हज़रत इमाम हुसैन ने इंसानियत और इस्लाम को बचाने और मज़लूमो के हक़ के लिए अपने बहत्तर साथियों के साथ इराक़ के शहर कर्बला में सबसे बड़ी कुर्बानी दी थी।
उन्होंने कहा कि इस्लाम सिर्फ नमाज़, रोज़ा, और हज का ही नही बल्कि समाज के दबे- कुचलों और शोषितों को उनका हक़ दिलाने की भी सीख देता है । इस्लाम के गोल्डन रूल द्वारा अच्छाइयों को बढ़ाना और बुराइयों से रोकना है। आज इमाम हुसैन के जन्मदिन है। आइए हम सब शीतल जल का उपयोग करके यह आवाहन करें कि अपने समाज वा संसार से बुराइयां व अन्याय को मिटा देंगे।
मौलाना ने कहा कि जब इमाम हुसैन को तीन दिन का भूखा प्यास कर्बला में घेरा गया तो उन्होंने यज़ीदी कमांडर से कहा कि “मैं तुम्हारी सरहदों से दूर हिंदुस्तान जाना चाहता हु जहा हैवानियत के बदले इंसानियत पायी जाती है।” जिससे यह पता चलता है कि इमाम हुसैन को भारत देश से कितना लगाव था।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सैय्यद अमिर हुसैन रिज़्वी, सैय्यद मुन्तजिर, हुसैन रिज़्वी, तालिब रिज़्वी, अज़हर फारूकी, अरमान रिज़्वी, मोहम्मद अब्बास रिज़्वी, साजिद अब्बास रिज़्वी, राशिद रिज़्वी, अहमर रिज़्वी एडवोकेट, फहिम रिज़्वी, शैज़ान, तासिर रजा, आबिश अब्बास, आरिफ रिज़्वी, साहिल, जव्वाद रिज़्वी, अज़हर हफिज़, मोहम्मद सैफ हैदर, सैय्यद रहबर हसन, सैय्यद रज़ा, अली मिर्ज़ा आदि लोग मौजूद रहे।