इजराइल के सहयोग से कृषि में नई इबारत लिखेगा बुंदेलखंड

झांसी। सम्पूर्ण बुन्देलखण्ड खुशहाल होगा तो देश खुशहाल होगा आपसी सहयोग से पुनः बुन्देलखण्ड अपने गौरवशाली अतीत को प्राप्त कर एक सृमद्धशाली क्षेत्र के रूप में विकासित होगा। इजरायल और भारत विशेष रूप से बुन्देलखण्ड की भूगोलिक स्थिति व क्लाइमेट समान होने से वहां की तकनीकि हमारे लिये बेहद कारगार सिद्ध होगी। इजरायल के सहयोग से क्षेत्र के किसान नई तकनीकि और नये आईडिया से खेती कर विकास की नई इबारत लिखेंगे।
यह उद्गार मण्डलायुक्त श्रीमती कुमुदलता श्रीवास्तव ने इजरायल से आये प्रतिनिधि मण्डल का स्वागत करते हुये व्यक्त किये। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये उन्होंने कहा कि भारत सरकार व प्रदेश सरकार बुन्देलखण्ड के किसानों के लिये व उनके विकास के लिये कटिबद्ध है। प्रधानमंत्री की पहल से आज प्रतिनिधि मण्डल जिसमें विषय विशेषज्ञ शामिल है, बुन्देलखण्ड क्षेत्र का भ्रमण कर यहां सिंचाई जल का सरंक्षण, जल सम्बर्धन व कृषि के विकास की संम्भावनाओं को तलाशेंगे। जनपद झांसी में विकास खण्ड बबीना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लिया गया है।
होटल झांसी में आयोजित कार्यशाला के इजरायल प्रतिनिधि येजेचकल लिफ्जहिटज ने कहा कि हमें आपसी तालमेल के साथ काम करने की जरूरत है तभी हम सफल हो पायेंगे। उन्होंने इजरायल के बारे में बताते हुये कहा कि इजरायल में जल को राष्ट्रीय धरोहर माना जाता है और संरक्षण कानून द्वारा किया जाता है। यहां आपके से भी कम वर्षा मात्र 800 एम.एल से लेकर 25 एम.एल तक बारिश होती है गर्मी के मौसम में कोई बारिश नहीं होती है। उन्होंने कहा कि लगातार जल कम होता जा रहा है। जबकि कृषि उत्पादन 500 वर्षो से 12 गुना बढ़ा है। येजेचकल लिफ्जहिटज ने कहा कि हमारे किसानों को पता है कि जल अमूल्य है और एक सीमित संसाधन है। इसका संरक्षण करने के साथ-साथ इसका सबसे प्रभावी और किफायती उपयोग किया जाना चाहिये, यही सिद्धान्त बुन्देलखण्ड के लिये भी कारागार होगा।
उन्होंने कहा कि इजरायल और बुन्देलखण्ड लगभग समान है हमारे यहां भी मौसम की कठिन परिस्थितियों और जल गंभीर कमी का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद यहां कृषि में सकारात्मक नतीजे देखगे को मिले है। यह सफलता खेती में सृजनात्मकता व उद्यमिता की भावना के कारण और कृषि व कृषि टेक्नोलॉजी उद्योगो के बीच तालमेल के कारण मिली है। यहां भी यदि इस भावना से कार्य किया जाये तो लाभ होगा। उन्होंने कहा कि आज की डब्यूल आर.जी कार्यशाला एक सफल व उपयोगी कार्यशाला होगी।
कार्यशाला की रूपरेखा तैयार करने वाले मुख्य विकास अधिकारी निखिल फुण्डे ने क्षेत्र की जानकारी देते हुये कहा कि हम सभी को ज्ञात है कि इजरायल की अर्थ व्यवस्था कृषि क्षेत्र से ही मजबूत है आपके यहां एक-एक बूंद का संरक्षण और पानी के इस्तेमाल का बेहतर मैनेजमेण्ट है। यहां भी जल संरक्षण व उपयोग पर यदि फोकस करें तो सुखदाया परिणाम आयेंगे।
कार्यशाला में नावार्ड से अजय सोनी नावार्ड के माध्यम से हो रहे कार्यो की जानकारी दी, उन्होंने जल संरक्षण व जल संम्वर्धन के लिये संचालित योजनायें व फण्डिंग के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आज फाउण्डेशन डे है सभी को बधाई दी।
परामर्थ से संजय सिंह ने बुन्देलखण्ड में पानी पंचायत के माध्यम से जनसुरक्षा व जल संकट को दूर करने तथा जल सहेलियों द्वारा अपने गांव को पानीदार बनाने के लिये बहुआयामी प्रयास की जानकारी दी तथ कम पानी में तैयार होने वाली फसल लगाने का सुझाव दिया।
डब्यलू आरजी कार्यशाला में आये इजरायल प्रतिनिधियों सहित अन्य आगन्तुको के प्रति आभार जिलाधिकारी शिवसहाय अवस्थी ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड के किसानों का जीवन खुशहाल बनेगा। उन्होंने कहा कि इजरायल से पार्टनरशिप टेक्नोटॉजी के माध्यम से यहां विकास जल्द होगा। उन्होंने कहा प्रतिनिधि मण्डल क्षेत्र का भ्रमण कर सभी जानकारियों को आत्मसात करते हुये रिपोर्ट प्रदेश सरकार के समक्ष प्रस्तुत करेंगा।
इजरायल प्रतिनिधि मण्डल के अन्य विषय विशेषज्ञ सुश्री अदीना एस्ट्रेला डार, सुश्री तमर मिचेल हरपेज, प्रोजेक्ट रीड युवराज, इण्टरट्रेटर सुश्री पल्लवी सहित जनपद के वन संरक्षण ए.के सिंह डी.एफ.ओ डॉ. एम.के शुक्ला, डीडी कृषि रामप्रताप सिंचाई विभाग विद्युत विभाग, लघु सिंचाई विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

रिपोर्ट: उदय नारायण कुशवाहा (झांसी)

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