आशी ने बढ़ाया जिले का मान: केट परीक्षा में पहले ही प्रयास में सफलता की अर्जित

* कड़ी मेहनत को बताया सफलता का सूत्र-आशी
बालाघाट/मध्यप्रदेश- देश की सबसे बड़ी परीक्षा, केट परीक्षा में पहले ही प्रयास में आशी हिरावत ने सफलता अर्जित कर जिले का मान बढ़ाया है। प्रतिभाशाली बालाघाट जिले की एक ओर होनहार बेटी ने जिले का मान बढ़ाते हुए जिलेवासियों को गौरान्वित किया है। बेटी आशी हिरावत का केट परीक्षा में चयनित होने के बाद आईआईएम बैंगलोर में चयन हुआ है। जहां वह ह्रयूमन रिर्सोसेस की पढ़ाई करेगी। आशी हिरावत अपनी इस सफलता का श्रेय अपने पिता सचिन हिरावत और माता श्रीमती श्रेया हिरावत को देती है, आशी का कहना है कि पढ़ाई का लेकर उसके माता-पिता ने उन्हें हमेशा प्रोत्साहित किया और अपने अनुसार विषयों की पढ़ाई करने की स्वतंत्रता दी। जिसका परिणाम है कि आज मेरा आईआईएम बैंगलोर के लिए चयन हुआ है, जहां वह दो वर्षो तक ह्रयूमन रिर्सोसेस की पढ़ाई करेगी।
बालाघाट निवासी दवा व्यवसायी सचिन हिरावत की बड़ी बेटी आशी की प्राथमिक से लेकर हायर सेकेंडरी की पढ़ाई बालाघाट से हुई है। बालाघाट में केन्द्रीय विद्यालय से अपनी हायर सेकेंडरी की पढ़ाई करने के उपरांत आशी ने नागपुर के रायसोनी कॉलेज से बीबीए (बैचलर ऑफ बिजीनेस एडमिनिस्ट्रेशन) में ग्रेजुऐशन पूरा किया। इस दौरान वह नागपुर के टाईम कोचिंग सेंटर से केट की तैयारी में जुट गई। आशी की लगभग 16 घंटे की पढ़ाई में की गई कड़ी मेहनत और परिजनों के आशीर्वाद से पहले ही प्रयास में वह आईआईएम के लिए सिलेक्ट हो गई। आशी ने अपने पहले ही प्रयास में कैट की परीक्षा 96.4 अंको से उत्तीर्ण की। जिसके बाद उसे कई एमसीए में कई प्रसिद्ध कॉलेजो को चुनने का अवसर मिला किन्तु देश की दूसरे टॉप कॉलेज आईआईएम बैंगलोर को उसने अपने आगे की पढ़ाई एचआर (ह्रयूमन रिर्सोसेस) के लिए चुना। जहां जल्द ही वह अपनी आगे की पढ़ाई के लिए चली जायेगी। गौरतलब हो कि केट की परीक्षा बड़े स्तर पर होती है, जिसमें देश के चुनिंदा होनहार विद्यार्थी ही सफल हो पाते है, हालांकि अब तक इस परीक्षा में बालाघाट से कोई चयनित नहीं हो सका है किन्तु बालाघाट की होनहार बेटी आशी ने पहले ही प्रयास में सफलता अर्जित की।
प्रतिभाशाली बालाघाट जिले की होनहार बेटी आशी हिरावत का केट परीक्षा के माध्यम से आईआईएम में सिलेक्ट होने पर न केवल परिजन अपितु पूरा समाज और जिला गौरान्वित महसुस कर रहा है। आईआईएम में प्रवेश के बाद आशी ने पहली बार अपनी सफलता को लेकर प्रेस से मुलाकात की और अपने जीवन के लक्ष्य और जीवन में मिले परिजनों के प्रोत्साहन को लेकर विस्तृत चर्चा की। आशी का कहना है कि कड़ी मेहनत ही सफलता का सूत्र है। यदि कोई अपने लक्ष्य को लेकर उस पर पूरी लगन से जुट जाता है तो उसे सफलता अवश्य मिलती है।
आशी हिरावत की इस सफलता पर जहां पूरा बालाघाट जिला गौरान्वित है वहीं पिता सचिन हिरावत और माता श्रीमती श्रेया हिरावत भी बेटी की इस सफलता पर गदगद है। पिता सचिन हिरावत का कहना है कि वह आज काफी खुश है, जिस सपने को वह देखा करते थे, आज उस सपने को उनकी बेटी साकार कर रही है। बतौर पिता सचिन हिरावत का कहना है कि बेटियों को खुब पढ़ाये, ताकि बेटियां सफलता की उंचाईयों को छू सकें। बालाघाट की होनहार बेटी आशी की इस सफलता पर सभी जिलेवासियों ने उन्हें शुभकामनायें दी है।

– विशाल रजक मध्यप्रदेश

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