आला हजरत के कुल की रस्म के साथ उर्स का समापन, सड़कों पर जायरीनों का सैलाब

बरेली। सुन्नी बरेलवी मसलक के मुसलमानों के सबसे बड़े धर्मगुरु आला हजरत फाजिले बरेलवी का 106 वां उर्स ए रजवी के कुल की रस्म शनिवार को अदा हुई। शनिवार की सुबह इस्लामियां ग्राउंड, मथुरापुर स्थित इस्लामिक स्टडी सेंटर में उलेमा की तकरीर चलती रही है। शनिवार की दोपहर 2:38 बजे कुल की रस्म हुई। कुल में जो जहां था वहीं से दुआ में शामिल हुआ। 34 देशों में उर्स के कुल में मुरीद ऑनलाइन जुड़े। उर्स के प्रोग्राम की ऑडियो लाइव आला हजरत वेबसाइट पर टेलीकास्ट की गई। दरगाह आला हजरत के जुड़े नासिर कुरैशी ने बताया कि उर्स-ए-रजवी का कुल की रस्म के साथ समापन हुआ। दुनिया भर के मुरीदीन व अकीदतमंद कुल में शामिल हुए। उर्स-ए-रजवी में मुल्क ही नही बल्कि सारी दुनिया की मशहूर दरगाहों के सज्जादागान, उलेमा, शोहरा व अकीदतमंद शिरकत करने आते है। दुआ सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां ने कराई। बिहारीपुर स्थित दरगाह से उर्स स्थल तक पूरी की महक से गली मोहल्लों से लेकर आला हजरत के नारों से महक उठा। दोपहर बारह बजे के बाद हर गली मोहल्ले की सड़कें जायरीन और अकीदतमंदों की भीड़ देखी जा रही थी। स्टेशन और रोडवेज पर अकीदतमंदों के सैलाब से ट्रैफिक व्यवस्था भी जाम होती देखी गई हर तरफ हर सड़क जाम के चलते लोगों को भारी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा। नूर की महक से सराबोर उर्स में शिरकत करने के लिए देश विदेश से आये जायरीन से दरगाह से उर्स स्थल तक नूर की महक से इलाका सराबोर होता नजर आ रहा था हर तरफ आला हजरत आला हजरत की सदाएं गूंजती नजर आ रही थी। उर्स-ए-रजवी में कुल की रस्म से पहले देश-विदेश से आए उलमा ने तकरीरें दीं। कारी इकबाल रज़ा मुरादाबादी ने कहा कि मसलक आला हज़रत ही मसलक अहले सुन्नत और मसलक ए हक है। इसी पर सख्ती से कायम रहे। मौलाना सलीम रजा ने सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर तकरीर दी। मुफ्ती इमरान हनीफ ने कहा कि आज दुनिया का सबसे बड़ा समाज सुधारक हमारे कोई है तो हमारे पैगंबर ए इस्लाम हैं, जिन्होंने इंसान के हक के लिए आवाज को बुलंद किया है। कुल शरीफ मे हाजिरी देने के लिए आने वाले अकीदतमंदों के कदम बढ़ते जा रहे थे। हकीदतमंदों के हाथों में तबर्रुख और होठों पर दुआ नजर आ रही थी। आला हजरत दरगाह पर अलग अलग इलाकों से अकीदतमंद जुलूस की शक्ल में चादर और फूलों और तबर्रूख की टोकरियों को लेकर सड़क पर आला हजरत के नारों लगाते देखे जा रहे थे। चादर के जुलूस में जायरीन भी शामिल होकर आला हजरत आला हजरत नारे लगाते हुए दरगाह शरीफ की ओर बढ़ते नजर आ रहे थे। कुल शरीफ के समय चौरी जैसे नजदीक आता गया वैसे का जन सैलाब उमड़ता नजर आ रहा था। कालपी शरीफ से आए सज्जादानशीं सैयद गयास-ए-मिल्लत ने कहा कि बरेली शरीफ से हमेशा अमन का पैगाम दिया जाता है। मुल्कभर में बेकसूर मुसलमानों पर जुल्म व ज्यादती की जा रही है, हर तरफ मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे सब्र का इम्तिहान न लें।।

बरेली से कपिल यादव

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