आयुष्मान कार्डधारक पर भड़के डॉक्टर, आईसीयू से धक्के देकर निकाला, फ्री में तुम्हें इलाज नहीं, धोखा मिलेगा

बरेली। जनपद के एक निजी अस्पताल में तीमारदार से अभद्रता का मामला सामने आया है। जिसका वीडियो वायरल हुआ है। इसमे डॉक्टर मरीज के तीमारदार से अभद्रता से बात करते सुने जा रहे है। आरोप है कि आयुष्मान कार्ड पर निशुल्क उपचार की सुविधा होने की बात पर डॉक्टर इतना आग बबूला हो गए कि उन्होंने तीमारदार को आईसीयू से धक्के देकर बाहर निकाल दिया। सरकार के लिए भी बुरा भला कहा। मामला शहर बरेली के दीपमाला अस्पताल का है। वायरल वीडियो में डॉक्टर तीमारदार से यह कहते सुने जा रहे हैं कि फ्री मे तुम्हें इलाज नहीं, धोखा मिलेगा। नाटक करेंगे.. हम इलाज कर रहे हैं। जो हाथ चलने लगा है, वो भी जिंदगी मे नही चलेगा। तुम्हारा इंसान फ्री मे सही हो जाए। फ्री वाले इलाज मे तो कभी सही नही होगा। जिस अस्पताल को 22 सौ रुपये मिल रहे है वो छह हजार का इंजेक्शन क्यों लगाएगा। 22 सौ रुपये में वह इलाज होता है, जो जिला अस्पताल मे होता है। चूरन चटनी की गोली खिला दो बस। डॉक्टर ने कहा कि सरकार अगर निशुल्क सुविधा देती है तो सरकारी अस्पताल मे उपचार क्यों नही करा रही। जिला अस्पताल का बजट यहां से 10 गुना ज्यादा होता है। नेता और अफसर मिलकर सब खा जाते है। निजी अस्पताल मे क्यों आना पड़ रहा है। डॉक्टर तीमारदार से कहते हैं कि तुम मेरे अस्पताल में मत आना। सामने भी मत पड़ना। सरकारी की सुविधा लेकर जिंदा रहना तू…। इसके बाद उसे धक्के मारकर आईसीयू से बाहर निकाल देते हैं। वीडियो वायरल होने के बाद डॉक्टर ने सफाई दी है। दीपमाला अस्पताल के डॉक्टर सोमेश मेहरोत्रा का कहना है कि आयुष्मान योजना सरकार की जन कल्याणकारी योजना है लेकिन इसमे सभी इलाज की दरें तय है। ऐसा नही है कि एक बीमारी पर पूरे पांच लाख रुपये लगा दिए जाएं। मरीज पहुंचने के बाद आयुष्मान कार्ड लगाकर अनुमति ली जाती है फिर इलाज शुरू होता है। अगर अचानक कोई मरीज आ जाए और कार्ड का अप्रूवल न मिले तो दिक्कत होती है। जिस इंजेक्शन को लगाने की बात कह रहा हूं, वह अप्रूवल से पहले का मामला है लेकिन लड़का समझने को तैयार नही था। डॉक्टर ने कहा कि मैंने जो बोला वह फ्रस्ट्रेशन मे बोला है। सरकार या जनप्रतिनिधियों से मेरी कोई शिकायत नही है। बीते चार माह में आयुष्मान कार्ड से इलाज के बाद बिल का अब तक भुगतान नही हुआ है। मेरी परेशानी को भी मानवीय पक्ष से देखा जाना चाहिए। सरकारी अस्पताल की व्यवस्थाएं भी उपलब्ध मानव संसाधन के लिहाज से बेहतर है।।

बरेली से कपिल यादव

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