आयुर्वेदिक में सर्जरी का आईएमए कर रहा विरोध, ओपीडी रही बंद

बरेली। जिले की आईएमए की इकाई ने शुक्रवार को हड़ताल के दौरान एलोपैथिक पद्धति से संचालित 350 निजी हॉस्पिटलों की ओपीडी बंद रही। शुक्रवार को 6 बजे हड़ताल के बाद आईएमए हॉल में डॉक्टर एकत्रित हुए फिर 1 बजे सभी एकत्रित डॉ हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर आयुर्वेदिक पद्धति में सर्जरी का विरोध करते हुए चौकी चौराहे तक गए। इस दौरान जिला अस्पताल की ओपीडी खुली रही। शुक्रवार की सुबह राष्ट्रीय आईएमए के आवाहन पर बरेली के सदस्य भारत सरकार द्वारा खिचड़ी चिकित्सा प्रणाली के प्रोत्साहन के विरोध में आईएमए भवन में एकत्रित हुए। सभी डॉक्टरों ने अपने अपने संस्थान में पहले से ही नोटिस लगा दिया था कि केवल इमरजेंसी पेशेंट ही देखे जाएंगे। सुबह सारे सदस्यों ने 11 बजे से आई एम ए परिसर में आना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे सभी सदस्य एकत्रित हो गए। उसके बाद आईएमए भवन से चौकी चौराहा तक मार्च निकाला। पैदल मार्च में सभी सदस्यों ने बैनर और तख्तियां हाथ में लेकर सड़कों पर देखें और शांतिप्रिय तरीके से विरोध जताया। प्रदर्शन के दौरान कोविड 19 गाइडलाइन का पालन किया गया। आईएमए में करीब साढे सात सौ डॉक्टर रजिस्टर्ड है। इसके अलावा साडे 350 अन्य डॉक्टर एलोपैथी की प्रेक्टिस करते है। आईएमए के अध्यक्ष डॉ मनोज कुमार अग्रवाल ने कहा कि देश में 95 फ़ीसदी मरीज आधुनिक चिकित्सा पद्धति द्वारा इलाज कराते है। सघन चिकित्सा सुविधा एवं आधुनिक चिकित्सा पद्धति से होती है। सभी चिकित्सा पद्धतियों का अपना अपना महत्व होता है। सभी चिकित्सा पद्धतियों को स्वतंत्र रूप से पूर्ण वैज्ञानिक तरीके से विकसित करना चाहिए। इस अवसर पर कोषाध्यक्ष डॉ गौरव गर्ग, डॉ. अमित खन्ना, डॉ. कोमल कक्कर, डॉ, विनोद पगरानी, डॉ. अजय भारती, डॉ धर्मेंद्र नाथ, आदि उपस्थित रहे।।

बरेली से कपिल यादव

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