बाड़मेर/राजस्थान – अंधेरे पर उजाले की जीत व शांति-समृद्धि व आरोग्य के पंचपर्व का शुभारंभ कल धनतेरस से शुरू हो जाएगा। इस बार धन तेरस को त्रिपुष्कर योग खरीदारी के लिए शुभ माना गया है। पांच दिन तक चलने वाला दीपोत्सव धन त्रयोदशी 2 नवंबर से 6 नवंबर को भाई दूज तक चलेगा।
मारवाड़ी थार वासियों में धनतेरस को परम्परागत खरीदारी के प्रचलन के चलते व्यापारी वर्ग में भी खासा उत्साह हैं। पंच पर्व के प्रथम दिन महालक्ष्मी पूजन के साथ भगवान धनवन्तरि से स्वास्थ्य आरोग्य रूपी धन की कामना की जाएगी। पंचपर्वा दिवाली के प्रथम पर्व पर परम्परागत ‘मंगल शगुन खरीदारी को लेकर शहरवासियों एवं व्यवसायियों में खासा उत्साह है। घरों-प्रतिष्ठानों में आयुर्वेद के प्रवर्तक भगवान धनवन्तरि व कुबेर का पूजन किया जाएगा। धन तेरस का दिन बहीखाते, ज्वैलरी, रियल स्टेट, इलेक्ट्रोनिक्स ऑटो सेक्टर, रेडीमेड गारमेंट, चांदी के बर्तन तथा पूजा के लिए लक्ष्मी गणेश की प्रतिमाओं की खरीदारी करना शुभ माना गया है।
पंडित सुरेन्द्र शर्मा के अनुसार त्रिपुष्कर योग सूर्योदय से
धन त्रयोदशी तिथि मंगलवार सुबह 11.31 से शुरू होगी और बुधवार सुबह 9.03 बजे तक रहेगी। त्रिपुष्कर योग सूर्योदय से सुबह 11.31 बजे तक रहेगा। रूप चतुर्दशी 3 नवंबर बुधवार को सर्वार्थसिद्धि योग में मनाई जाएगी। दीपावली 4 नवंबर को, गोवर्धन पूजन व अन्नकूट महोत्सव 5 नवम्बर को तथा 6 नवंबर को विशेष योगों के बीच भाई दूज पर्व मनेगा।
धनतेरस जिसे धन त्रयोदशी और धनवन्तरि जयंती भी कहते हैं पांच दिवसीय दीपावली का पहला दिन होता है। धनतेरस के दिन से दिवाली का त्योहार प्रारंभ हो जाता है। मान्यता है इस तिथि पर आयुर्वेद के जनक भगवान धनवन्तरि समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रगट हो हुए थे। इसी कारण से हर वर्ष धनतेरस पर बर्तन खरीदने की परंपरा निभाई जाती है। ऐसी भी मान्यता है कि धनतेरस के दिन कीमती धातुओं का खरीदना शुभ होता है और उसमें कई गुना बढ़ोतरी होती है।
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी 3 नवम्बर को रूप चतुर्दशी के रूप में पारम्परिक हर्षोल्लास से मनाई जाएगी। पांच दिवसीय दीपोत्सव महापर्व के दूसरे दिन गृहणियां विशेष शृंगार कर घर आंगन को दीपमालाओं से रोशन करेंगी।
अधिवक्ता कुमार कौशल अम्बा लाल जोशी ने बताया कि
दीपावली की शाम को शुभ मुहूर्त में माता लक्ष्मी की अगवानी और पूजा-आराधना को लेकर सरहदी इलाकों सहित बाड़मेर जिले के थार वासियों में जबरदस्त उत्साह है। दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजन किया जाएगा। थारनगरी के सभी प्रमुख मंदिरों में छप्पन भोग पूजन के साथ ही अन्नकूट महोत्सव आरंभ हो जाएंगे। पंच महापर्व का समापन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भाई दूज पर्व से होगा। इस दिन विवाहित बहनें अपने भाइयों को घर आमंत्रित कर हाथों से भोजन खिलाने की परम्परा का निर्वहन करेगी।
– राजस्थान से राजूचारण