राजस्थान/बाड़मेर- सूचना का अधिकार एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता भगवानसिंह लाबराऊ ने कल राजस्थान सुनवाई का अधिकार अधिनियम 2012 के तहत एक महत्वपूर्ण जनहित पहल करते हुए उपखंड अधिकारी रामसर, गडरारोड़ एवं शिव से मुलाकात की। उन्होंने जनहित से जुड़े कई मामलों में लिखित परिवाद प्रस्तुत कर सुनवाई की मांग रखी और अधिकारियों से आग्रह किया कि नागरिकों की शिकायतों का निस्तारण निर्धारित समय सीमा में किया जाए।
भगवानसिंह लाबराऊ ने बताया कि “राजस्थान सुनवाई का अधिकार अधिनियम 2012” प्रत्येक नागरिक को यह अधिकार देता है कि उसकी समस्या पर सरकारी अधिकारी समयबद्ध रूप से सुनवाई करें और लिखित निर्णय दें। यह कानून शासन-प्रशासन में जवाबदेही और पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से बनाया गया है परंतु ग्रामीण स्तर पर इसका प्रभावी उपयोग अब तक सीमित रहा है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी कई जनहित के मामले वर्षों से लंबित हैं। अधिकारी समय पर जवाब नहीं देते, जिससे आम नागरिक निराश और असहाय महसूस करता है।ऐसे में इस कानून का सक्रिय उपयोग नागरिकों को न्याय और सम्मान दिलाने का सबसे सशक्त वैधानिक माध्यम बन सकता है।
भगवानसिंह लाबराऊ ने बताया कि तीनों उपखंड कार्यालयों में कानून बनने के तेरह वर्ष बाद किसी ने सुनवाई का अधिकार के तहत किसी भी नागरिक ने एक भी आवेदन नहीं किया हैं यह अभियान अब बाड़मेर जिले के सभी सरकारी कार्यालयों में चलाया जाएगा ताकि आमजन को सुनवाई का अधिकार व्यावहारिक रूप से मिल सके। उन्होंने कहा कि “सरकार द्वारा बनाया गया कोई भी कानून तभी सार्थक है जब उसका उपयोग जनता के हित में हो — और मैं इस दिशा में प्रत्येक नागरिक की आवाज़ को प्रशासन तक पहुँचाने का प्रयास कर रहा हूँ।” जनअधिकार की इस पहल को आम नागरिकों ने सराहा है और उम्मीद जताई है कि इससे प्रशासनिक जवाबदेही और पारदर्शिता को नई दिशा मिलेगी।
– राजस्थान से राजूचारण