आजादी के सत्तर साल बाद भी बिंदटोली गांव को नही मिला पक्की सड़क

बिहार:छपरा जिले के सोनपुर प्रखंड अंतर्गत हासिलपुर पंचायत स्थित गंगा नदी के किनारे बसे छितुपाकर बिंदटोली गांव को आजादी के सत्तर साल बीत जाने के बाद भी मुख्य सड़क पर आने जाने के लिए पक्की सड़क नसीब नही हो पाया है।बरसात के मौसम में तो इस गांव के लोगों को पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है इस गांव के अधिकतर लोग मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते है हालांकि डेढ़ दशक पहले ग्रामीणों, बुद्धजीवियों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग से ईटीकरण करवाया गया था लेकिन आज उस सड़क की स्थित काफी दयनीय हालत में है।जमीन के अभाव में इस गांव के लोगो को मुख्य सड़क पर आने जाने के लिए पक्की सड़क नही बन पा रहा है कोई भी जमीन मालिक भूमि अधिग्रहण करने को तैयार नहीं है जिसके कारण पीसीसी सड़क का निर्माण सम्भव नही लगता है इसके बाबजूद भी स्थानीय सांसद तथा स्थानीय विधायक इस गांव की तरफ नजर तक नही दौड़ाते वैसे चुनाव आते है वोट के लिये छितु पाकर बिंदटोली गांव में नेताओ की लंबी लाइन लग जाती है चुनाव खत्म होते ही फिर जस की तस हालत बनी रहती है।ग्रामीण बताते है कि इस गांव में जब किसी की शादी में बारात आती है या बारात निकलती है तो गाड़ी आने जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है गांव से मुख्य सड़क पर पैदल ही जाना पड़ता है।वैसे सरकार के महत्वकांक्षी योजना मुख्यमंत्री सात निश्चय के अंतर्गत भी इस गांव में कोई कार्य नही किया जा सका है।

रिपोर्टर: गोपाल सहनी, ब्यूरोचीफ ; छपरा- बिहार

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