बाड़मेर/राजस्थान- राज्य सूचना आयुक्त लक्ष्मण सिंह ने जैसलमेर और नागौर जिलों में सूचना के अधिकार कानून की जानबूझकर अवहेलना के अलग अलग मामलों में राज्य के छह अधिकारियो पर पचीस पचीस हजार रूपये की शास्ति अधिरोपित की है। इनमे मोहनगढ़ के उपनिवेशन सहायक आयुक्त, जिला रसद अधिकारी,नागौर के अपर कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी शामिल है। सिंह ने इन छ: अधिकारियों को निर्णय प्राप्ति के इक्कीस दिन में जुर्माना राशि जमा कराने का आदेश दिया है। साथ ही मांगी गई सूचनाएं उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया है।
उपनिवेशन के मामले में बायतु के लाखाराम ने 2020 में आवेदन कर विशेष आवंटन के बारे में सूचनाएं मांगी थी। पर उन्हें सूचनाएं नहीं दी गई इस पर लाखाराम ने अपील दायर कर सूचना आयोग से कार्यवाही की गुहार की। परिवादी ने आयोग में कहा कि जब उन्हें सूचनाएं नहीं दी गई तो उन्होंने उपनिवेशन आयुक्त के समक्ष अपील की। इस अपील में फरवरी 2021 में प्रथम अपील अधिकारी ने पन्द्रह दिन में वांछित सूचनाएं प्रदान करने का आदेश दिया था। इसके बावजूद सहायक आयुक्त ने उन्हें कोई सूचनाएं नहीं दी।
लक्ष्मण सिंह ने इस मामले में नाराजगी व्यक्त की और अपने आदेश में कहा कि आजकल सरकारी अधिकारी सूचना अधिकार कानून के प्रति न तो गंभीर है और न ही संवेदनशील है।सहायक आयुक्त ने कई बार तलब करने के बावजूद न तो कोई जवाब पेश किया और न ही अधिकारी हाजिर हुए। इसे आयोग ने गंभीरता से लिया और अधिकारी पर पच्चीस हजार रूपये का जुर्माना लगाया है और आयोग ने प्रथम अपील अधिकारी के आदेश की अक्षरशः पालना करने और इक्कीस दिन में सूचनाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
आयोग ने जैसलमेर के जिला रसद अधिकारी पर भी पच्चीस हजार रूपये का जुर्माना लगाया है। इस मामले में जैसलमेर के रूप सिंह ने एक राशन डीलर के विरुद्ध हुई जाँच रिपोर्ट की जानकारी मांगी थी।लेकिन उन्हें समय पर सूचनाएं नहीं दी गई। अधिकारी ने जवाब में कहा कि सूचना भिजवा दी गई है। आयोग ने सुनवाई में देखा कि सूचना सात माह देर से भेजी गई है।आयोग ने इसे घोर लापरवाही मानते हुए रसद अधिकारी पर पच्चीस हजार रूपये का जुर्माना लगाया है। आयोग ने परिवादी को इक्कीस दिन में मांगी गई सूचनाएं बिंदुवार उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।
सिंह ने नागौर में परिवादी अजीत सिंह को अपने पैतृक जमीन के बारे में सूचना मुहैया कराने में अत्यधिक देरी पर नाराजगी व्यक्त की और डेगाना के तहसीलदार पर पच्चीस हजार रूपये का जुर्माना लगाने का निर्देश दिया है।नागौर में एक नागरिक सेवाराम ने प्रशासन गांवों के संग अभियान की प्रगति रिपोर्ट देने में कानून की अवहेलना करने पर नागौर के अपर कलेक्टर पर पच्चीस हजार और नागौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी पर कर्मचारियों के बारे में सूचनाएं देने में कोताही बरतने पर इतनी ही राशि का जुर्माना लगाया है।
– राजस्थान से राजूचारण