आजकल त्वरित समाधान और रोष प्रकट करने के लिए एकमात्र सहारा सिर्फ ट्विटर और व्हाट्सअप

*आधुनिक युग में हाइटेक प्रणाली के पर कतरनें से जनता जनार्दन में अभिव्यक्ति की आजादी रूकेगी या फिर बढ़ेगी सरकार …..

बाड़मेर/ राजस्थान- आजकल आमजन की बात को देश विदेश सहित केन्द्र और राज्य सरकार के उच्च अधिकारियों तक अपनी बात पहुंचाने ओर जिला मुख्यालय पर विराजमान सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा आमजन की किसी भी तरह की समस्याओं का त्वरित समाधान नही करने पर सरकारों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए हाईटेक प्रणाली के साधनों से लैस अनेकों साइट्स पर सबसे ज्यादा सुलभ ट्वीटर और व्हाट्सअप ही कारगर बना हुआ है।

कभी कभार पीड़ित व्यक्तियों की ज़िला स्तर पर पुलिस प्रशासन द्वारा कार्यवाही नहीं होती है तो फिर चलों ट्विटर पर बिजली, पानी नहीं मिलता है तो करो शिकायत, रेलगाड़ियों से सम्बंधित सभी शिकायतों के तुरंत राहत पाने के लिए उचित समाधान, किसी भी तरह की जन-जीवन प्रभावित करने वाले सभी समस्याओं का समाधान आजकल केवल ट्विटर पर लिखते ही तुरंत मिल जाता है।अधिकारियों और सरकारी कर्मचारियों द्वारा भी ट्विटर पर लिखा गया है तो फिर तुरंत समाधान करने के दौरान वापस प्रत्युत्तर देने में कोई कोताही नहीं बरती जाती है ‌।

पिछले दिनों आपतकालीन सेवाओं में आने वाली हमारी राजस्थान पुलिस का प्रोटेस्ट करने का अनोखा तरीका हाईटेक प्रणाली से लैस सोशल मीडिया की सुर्खियां बन गया था। ट्विटर पर टाॅप ट्रेंड में राजस्थान पुलिस की पगार का मुद्दा जोरदार चला जो पहले सातवें नंबर पर था और दिन की शुरुआत के साथ ही पहले पांच पर जा पहुंचा था। दरअसल राजस्थान के पुलिसकर्मियों की ओर से सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए हाईटेक प्रणाली से लैस ट्विटर का सहारा लिया गया था। आजकल सभी लोगों द्वारा यह प्रयोग किया जा रहा है कि अधिक से अधिक ट्विटर और व्हाट्सअप पर अपनी बात आमजन के साथ साथ सरकारों तक अपनी बात पहुचाएं l

आजकल हाइटेक प्रणाली से लैस लोगों को ट्विटर रूपी चिड़िया और व्हाट्सअप कितनी बेबस ओर लाचार कर देती है इसका कोई भरोसा नहीं है,चाहे तो विश्व पटल पर राजनीति आकाओं में मशहूर ओर ना चाहे तो राजनीतिक आकाओं से करलें झट से दूर… ऐसा ही वाकया पिछले दो-तीन सालों से हमारे साथ भी हुआ।

जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया बाड़मेर के वरिष्ठ पत्रकार राजू चारण ने बताया कि बाड़मेर जिले में पत्रकारिता की जिम्मेदारी देने के बाद से हमेशा मेरी सीमाओं और मर्यादाओं का ध्यान रखते हुए आमजन को राहत कैसे मिलेगी इस सम्बन्ध में ज्यादा जागरूक रहा ओर जनता जनार्दन को भ्रामक प्रचार प्रसार करने वाली कभी कोई राजनैतिक ट्वीट नहीं किया। मैंने हमेशा राज्य सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बात, राज्य सरकार के लिए गए फैसले, जनकल्याणकारी योजनाओं और सरकार की सकारात्मक मंशा को ही आगे बढ़ाने का प्रयास किया और सरकार के कार्यकलाप और सरकार के साथ मोजूदा मुख्यमंत्री की छवि को धूमिल करने वाले लोगों को तथ्यों के साथ जवाब देकर उनके द्वारा फैलाए जाने वाले भ्रामक प्रचार को रोकने का अथक प्रयास किया।ओर मैं लगभग रोजाना ही इस तरह की सैकड़ों ट्विटर करता रहता हूं। मेरे इस तरह के ट्वीट से किसी भी रूप में राजनीतिक पार्टी, सरकार और आलाकमान की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंची है। मेरी मंशा, मेरे शब्द और मेरी भावनाएं किसी को भी किसी रूप में ठेस पहुंचाने वाली नहीं थी और न ही कभी होगी., फिर भी अगर लगता है ये जान-बूझकर कोई गलती की गयी है तो फिर एक बार जरूर बताएं बार बार हमारे ट्विटर एकाउंट को सस्पेंड करने से आमजन में ट्विटर की ही पैठ ख़राब होगी हमारी नहीं क्योंकि लोगों को राहत देने के लिए लिखना स्वच्छ पत्रकारिता का धर्म है ।

आजकल सोशल मीडिया में राजनीतिक आकाओं द्वारा पत्रकारिता पर सबसे अधिक निवेश किया गया। उसके लिए बाक़ी विषयों को ध्वस्त कर दिया गया। आज राजनीति पत्रकारिता भी पूरी तरह से ध्वस्त हो गई। बड़े बड़े राजनीतिक संपादक और पत्रकार ट्विटरो से कापी कर चैनलों के न्यूज ग्रुप में पोस्ट करते रहते हैं। या फिर ट्विटर पर कोई प्रतिक्रिया देकर डिबेट को आग लगाकर आगे बढ़ाते रहते हैं। बीच बीच में चिढ़ाते भी रहते हैं ! देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित सभी मुख्यमंत्रियों ओर नेताओं की कब कहां पर बैठक करेंगे यह बताने के लिए चैनल अभी भी राजनीतिक पत्रकारों में निवेश कर रहे हैं । साल में दो चार बार जरूर सभी लोगों का मीठा मीठा इंटरव्यू करने के लिए मौजूद रहेंगे लेकिन खट्टा मीठा नहीं कारण कामकाज हो जाएगा ठप्प। जय हो आजकल के हाइटेक प्रणाली के देवताओं की जिनका कोपभाजन का श्राप किसी भी छोटी बड़ी पत्रकारिता करने वाले को नहीं लगे ।

– राजस्थान से राजूचारण

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