वाराणसी – मिर्जामुराद थाने के अंदर की बात मीडिया तक आते ही सात दिनों से हथकड़ी में कैद नाबालिग को आखिर आजादी मिल गई।अपना गला फंसता देख पुलिस आनन-फानन में उसे हथकड़ी से आजाद कर घर पहुंचा दी। मीडिया में छपी खबर बुधवार को क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी रही, खबर पढ़ हर लोग पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह उठाते रहे।
बताते चलें कि कानपुर से चोरी हुआ एक डम्पर मालिक की सक्रियता से आठ दिन पूर्व खोचवा गाव के पास से बरामद हुआ। डम्पर के साथ उस पर खलासी का काम करने वाला क्षेत्र के ही बीरबलपुर गाव निवासी एक नाबालिग भी पकड़ा गया। उसके द्वारा बताने पर तीन दिन बाद डंगहरिया गाव निवासी एक युवक को भी पकड़ थाने में बैठाया गया। दूसरे दिन युवक को छोड़ दिया गया, किंतु नाबालिग को मानवाधिकार के नियम-कानून को ताक पर रखते हुए हथकड़ी लगा कार्यालय में पड़ी कुर्सी से हथकड़ी का एक सिरा बाधकर रखा गया। कार्यालय में लगी तीसरी आख कैमरे में हथकड़ी लगा रखे गए नाबालिग की सारी तस्वीर कैद हुई है। नाबालिग के परिजन उसे छुड़ाने के लिए थाने का चक्कर काट थकहार जाने पर अंतत: मंगलवार को मुख्यमंत्री से लगायत एडीजी जोन समेत अन्य अधिकारियों को प्रार्थना पत्र भेज गुहार लगाई। मीडिया तक मामला पहुंचने के बाद एसएसपी तक बात पहुंची। एसएसपी के फटकार पर रात में ही फास्ट हुई पुलिस नाबालिग को उसके घर ले जाकर परिजनों के हवाले सौप दी। एसएसपी ने पूरे मामले की जाच करा दोषियों पर कारवाई की बात कही है। उधर, चोरी के बरामद डम्पर का मुख्य अभियुक्त या चालक अभी तक पुलिस के हत्थे नही लग सका है।
रिपोर्टर-:महेश पाण्डेय ब्यूरो चीफ वाराणसी मण्डल