आखिर पुलिस को क्यों नही दिखता यह भीड़तंत्र..?

*गरीब गुरबत के लिए लोक डाउन!भीड़ व दुकानदारों के लिए नही..?

*लॉक डाउन की धज्जियां व सोशल डिस्टेंस का पालन नही होता डाल मंडी व लोहा बाजार में..

मुजफ्फरनगर- शहर कोतवाली क्षेत्र के लोहा बाजार में लोगो की भीड़ देखते ही बन रही थी सुबह, ना तो यहा पुलिस की नजर नही पढ़ती ओर ना ही दुकानदार व खरीदार कोरोना वायरस से डरते, ओर डरे भी क्यों उन्हें तो भगवान ने वरदान दे रखा हैं।

लेकिन सवाल यह बैठता हैं कि आखिर सम्भन्धित चौकी इंचार्ज व सिपाहियों की नजर से कैसे बच जाते हैं जबकि पुलिस ईरिक्शा चालको से ऐसा व्यवहार करती हैं जैसे वह ही कोरोना फैला रहें हो।

आज सुबह जब एक दुकानदार एक ईरिक्शा में अपनी दुकान के लिए मंडी से दूध ला रहा था तो महावीर चौक पर खड़े दरोगा जी ईरिक्शा चालक को रोककर लॉक डाउन का पाठ पढ़ा रहें थे जब कि उक्त रिक्शा व दुकानदार ने गुहार लगाते हुए बताया कि ईद के लिए यह दूध ले जा रहे हैं कि कल ईद हैं और बाजार भी नही खुलेगा लेकिन दरोगा साहब तो अड पढ़े और कहने लगे कि दूध चाहे पानी हो जाएं तुम्हारा चालान जरूर करूंगा खेर ई रिक्शा चालक की गुहार पर उसे छोड़ दिया गया।

लेकिन सवाल यह पैदा होता हैं कि जब शहर में जहां भीड़ हैं वहां ऐसे दुकानदारों व भीड़ लगाने वालों को पुलिस लॉक डाउन का पालन क्यों नही करा रही हैं क्या गरीब गुरबत के लिए ही लॉक डाउन का लगा हुआ हैं औरों के लिए नही?

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