बरेली। सोमवार को फाइनेंस कंपनियों पर देनदारियों के सबूत देने के लिए कलक्ट्रेट पर भारी भीड़ लग गई। प्रार्थना पत्र जमा करने की अंतिम तारीख की अफवाह फैलने से ऐसे हालात पैदा हुए। कलक्ट्रेट में सैकड़ों लोगों प्रार्थना पत्र जमा करने के लिए जुट गए। कलक्ट्रेट के बाहर सड़क पर लोगों की लंबी-लंबी लाइनें लग गई। ट्रैफिक जाम के हालात पैदा हो गए। अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर किसी तरह हालात को काबू किया। लोगों की लाइनें लगवाई। तब ट्रैफिक सुचारू हो सका। पीएसीएल और सहारा आदि अन्य फाइनेंस कंपनियों में एफडी कराने वालों में एक बार फिर से अपना डूबा रुपया वापस मिलने की आस जगी है। शासन द्वारा प्रदेश भर में ऐसे लोगों की सूची मांगी गई है। सोमवार को ऐसे लोंगो की भारी संख्या में कलेक्ट्रेट मे भीड़ लगी है। एडीएम (एफआर) के कमरे में लोग अपने कागजात लेकर आ रहे हैं। चिटफंड कंपनियों में जमा धनराशि को वापस दिलाने की दिशा में सरकार ने एक नई पहल शुरू की है। इसके लिए सरकार ने कलेक्ट्रेट में एक अलग से काउंटर लगवाया है। जिसमें चिटफंड कंपनियों के पीड़ित व्यक्ति अपना फॉर्म भरकर अपने पैसे वापसी के लिए आवेदन कर सकते है। फाइनेंस कंपनी में जमा पैसे के वापस मिलने की उम्मीद में कलेक्ट्रेट में लोगों की भीड़ देखी गई। अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर किसी तरह हालात को काबू किया। लोगों की लाइनें लगवाई। तब ट्रैफिक सुचारू हो सका।।
बरेली से कपिल यादव