बरेली। आईवीएफ इलाज के दौरान महिला की दोनों किडनी खराब हो गई। डॉक्टरों का कहना है कि उसकी जान खतरे में है और डायलिसिस चल रही है। परिजनों ने आईवीएफ करने वाली डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए डीएम को प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है। बदायूं के दातागंज के रहने वाले राघवेंद्र पाल सिंह के अनुसार पत्नी के इलाज मे कथित रूप से चिकित्सकीय लापरवाही हुई है। इसकी वजह से उनकी पत्नी की जान खतरे मे है और वह गंभीर रूप से बीमार हो गई है। राघवेंद्र सिंह की पत्नी रश्मि सिंह को पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की समस्या थी। डॉक्टरों ने उन्हें प्राइमरी इनफर्टिलिटी का सामना करने वाली महिलाओं के लिए अपनाई जाने वाली आईवीएफ प्रक्रिया कराने की सलाह दी। बरेली स्थित एक निजी क्लिनिक मे डॉक्टर शबीना खान ने उनका इलाज शुरू किया। राघवेंद्र सिंह के अनुसार, 15 जुलाई को उपचार की शुरुआत हुई और जिसमें ओवम पिकअप प्रक्रिया हुई। लेकिन इलाज के दौरान डॉक्टर की कथित लापरवाही और गलत दवाइयों के चलते रश्मि को ओवेरियन हाइपरस्टिमुलेशन सिंड्रोम जैसी गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ा। गलत इलाज के कारण रश्मि की दोनों किडनियां खराब हो गई और वह डायलिसिस पर है। रश्मि सिंह की हालत गंभीर हुई तो परिजन उन्हें दिल्ली स्थित एम्स ले गए। वहां डॉक्टरों ने शुरुआती जांच के बाद बताया कि गलत दवाओं और इंजेक्शन का असर शरीर पर पड़ा है और दोनों किडनी काफी हद तक खराब हो गई है। एम्स के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने कहा कि ऐसे में किडनी ट्रांसप्लांट करना ही एकमात्र विकल्प रह जाता है। लेकिन यह काफी खर्चीला है। आर्थिक स्थिति के चलते राघवेंद्र पत्नी को लेकर वापस आ गए और अब बरेली मे ही उनका इलाज चल रहा है। राघवेंद्र सिंह ने डीएम को प्रार्थना पत्र देकर डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। वही जिला कांग्रेस कमेटी का प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी से मिला। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रदेश सचिव रजनी सिंह ने बताया की वह अपनी भाभी रश्मि सिंह को प्राइमरी इनफर्टिलिटी के इलाज के लिए डॉक्टर के पास ले गए थे लेकिन डॉक्टर की लापरवाही के चलते उनकी किडनी खराब हो गई। उन्होंने डीएम से डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।।
बरेली से कपिल यादव