आंगनबाड़ी भवनों के चयन पर उठ रहे सवाल, कही स्थान तो कही फंड की कमी से रुके निर्माण

बरेली। वित्तीय वर्ष 2024-25 मे जनपद मे 122 आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण के लिए ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है। इसकी सूची पर सवाल उठ रहे हैं। शेरगढ़ ब्लॉक की एक भी ग्राम पंचायत सूची मे नही है जबकि कुरतरा, मकरंदपुर, सैदपुर ग्राम पंचायत मे चार चार और जोखनपुर, जोगीठेर आदि में तीन-तीन आंगनबाड़ी भवन चुने गए। वित्तीय वर्ष 2024-25 मे जनपद मे 122 आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण होना है। आलमपुर जाफराबाद मे 28, बहेड़ी मे पांच, भदपुरा मे 17, भोजीपुरा मे 7, भुता मे 13, बिथरी चैनपुर मे 6, दमखोदा मे 5, फरीदपुर मे सात, फतेहगंज पश्चिमी में 15, क्यारा मे 7, रामनगर मे 10 और नवाबगंज में दो भवन बनने है। आलमपुर जाफराबाद ब्लॉक की ग्राम पंचायत मकरंदपुर ताराचंद मे चार आंगनबाड़ी भवन स्वीकृत हुए है। बिथरी ब्लॉक की ग्राम पंचायत सैदपुर खजुरिया मे भी पहले चार केंद्र चुने गए। बाद मे एक केंद्र स्थान परिवर्तित कर भरतौल का चयन कर लिया गया और वहां निर्माण भी शुरू हो चुका है। क्यारा ब्लॉक के जोगीठेर, दमखोदा ब्लॉक के जोखनपुर और भुता की ग्राम पंचायत ढकनी रजपुरी मे तीन-तीन आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण होना है। बहजुइया जागीर, बडरई कुइयां, नगला, उसैता, राजूपुर, कटका भरत, मुड़िया भगवन्तपुर, पाठनगला ग्राम पंचायतों मे दो-दो भवन बनाये जाने है। वही वित्तीय वर्ष 2024-25 के चयनित 122 केंद्रों में से 92 पर कार्य शुरू हो चुका है। इनमें से 25 पर निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। कही स्थान की कमी तो कही फंड की कमी के चलते निर्माण कार्य रुका हुआ है। जनपद मे आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण चल रहा है। फंड की कमी के बाद भी सीडीओ के निर्देशन में अभी तक 25 का कार्य पूर्ण हो गया है। असुआ के गांव जोहरा में भी आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण होना है, मगर अब इसका स्थान परिवर्तित किया जा रहा है। इसलिए निर्माण शुरू नही हो पाया है। आलमपुर जाफराबाद के मझारा मे भूमि विवाद के चलते काम शुरू नही हो पाया है। इसी ब्लॉक के बनारा मे भी केंद्र स्वीकृत किया गया था मगर प्रधान ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र निर्माण को जगह नही है। भुता के पिपरथरा में दो भवन स्वीकृत हुए। दोनों केंद्रों के प्रस्ताव पर गांव वालों ने विरोध कर दिया। इस कारण अब यहां निर्माण कार्य कराया जाना संभव नही है। ढकनी रजपुरी मे भी केंद्र का स्थान परिवर्तित होना है। ब्लॉक फरीदपुर की ग्राम पंचायत सारीपुर में भी काम शुरू नही हुआ है। यही हाल किशुरी का भी है। इस बारे मे डीपीओ मनोज कुमार ने बताया कि चयन पूरी पारदर्शिता के साथ किया गया है। पूर्व मे जहां केंद्र संचालित थे उनसे प्रस्ताव आये थे। उन्ही प्रस्ताव के आधार पर चयन किया गया है। इसमें कोई गड़बड़ी नही है।।

बरेली से कपिल यादव

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