अहंकारी मनुष्य रावण के समान-घट घट वासी

बरेली/फतेहगंज पश्चिमी।कस्वे के रवड फैक्ट्री कॉलोनी परिसर में दो दिवसीय सत्संग के गुरुवार को प्रथम दिन ओम विष्णु हरि घट-घटवासी वाले बरेली के गुरु श्रीकृष्ण मुरारी जी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि रावण रूपी अहंकार को त्याग कर अपने अंदर प्रेम धारण करें।भगवान की भक्ति में लीन होकर उसी के रंग में रंगने से दुखों का नाश होता है।ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं।साथ ही मनोकामना की पूर्ति होती है।उन्होंने कहा कि मनुष्य को कभी अहंकार नहीं करना चाहिए।अहंकारी मनुष्य रावण के समान है।उसका अंत तो बुरा होता ही है और वह जीवनभर भटकता रहता है।मरने के बाद भी उसे शांति नहीं मिलती।कहा कि मनुष्य एक हीरे के समान है, इसलिए जिस प्रकार हीरे को संभालकर रखा जाता है।उसी प्रकार मनुष्य को प्रेम के साथ रहकर अपने जीवन में अच्छे काम करके दूसरों के दुखों का निवारण करके जीवन सफल बनाने के प्रयास करने चाहिए,जिससे मोक्ष की प्राप्ति हो सके। इस दौरान भक्तों के जयकारों से माहौल भक्तिमय हो गया।गुरुवार को पहले दिन सैकड़ो लोगों ने दीक्षा ली और गरीब असहाय लोगों को दवा वितरण की गई। आज 12 बजे से दो बजे तक सत्संग होगा शाम को ॐ विष्णु हरी घट घट वासी महाराज का जन्म दिवस कार्यक्रम होगा।भण्डारे का प्रसाद वितरण के बाद सत्संग का समापन होगा।

– बरेली से सौरभ पाठक की रिपोर्ट

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