असिस्टेंट कमिश्नर ने मांगी 50 हजार रिश्वत, प्रमुख सचिव के पास फूटा भ्रष्टाचार का बम

बरेली। शहर के एक मिठाई कारोबारी ने असिस्टेंट कमिश्नर पर 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी है। मामले की शिकायत उत्तर प्रदेश सरकार मे प्रमुख सचिव और राज्य कर आयुक्त एम देवराज से की गई है। इसके बाद बरेली से लेकर लखनऊ तक खलबली मची है। एम देवराज ने एडिश्नल कमिश्नर ग्रेड वन से इस पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है। वही एडिश्नल कमिश्नर ग्रेड वन डीके मिश्रा के आदेश पर मामले की जांच शुरू हो गई है। वही एसएसपी बरेली से शिकायत कर भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराने की मांग की गई है। कोतवाली के सिविल लाइंस आवास विकास निवासी ग्लोरी फर्म के मालिक रोहित खण्डेलवाल ने बताया कि उन्होंने अपनी फर्म का सभी वर्षों का राज्य कर निपटा दिया है। इसके बाद भी उन पर 1 लाख 47 हजार 232 की बकाया राशि निकालकर स्टेट बैंक के खाते के लेन-देन पर रोक लगा दी गई। दस्तावेज प्रस्तुत करने के बाद 9 हजार चेक के रूप में जमा करने के बाद खाते को चालू किया गया लेकिन आज तक वह धनराशि उन्हें वापस नही मिली। व्यापारी ने जीएसटी के असिस्टेंट कमिश्नर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुये शहर विधायक और प्रदेश सरकार में मंत्री डा. अरुण कुमार से की। मंत्री ने प्रमुख सचिव एम देवराज को मामले में कार्रवाई के लिये कहा। इसके बाद कारोबारी ने प्रमुख सचिव एम देवराज से मिलकर जीएसटी अफसर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। मामला गरमाने के बाद एडिश्नल कमिश्नर ग्रेड वन डीके मिश्रा ने एडिश्नल कमिश्नर मूलचंद यादव को मामले में जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। कारोबारी ने एसएसपी अनुराग आर्य को भी शिकायत भेजकर भ्रष्टाचार और उत्पीड़न के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की गुहार लगाई है।।

बरेली से कपिल यादव

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