बरेली। जनपद मे दो साल से अधिक का कार्यकाल संभालने वाली नगर आयुक्त निधि गुप्ता वत्स के कार्यकाल मे विकास कार्यों के साथ स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के संचालन तक फेल हो गए है। जनता से लेकर पार्षदों तक ने उनके कार्यकाल में खूब खरी खोटी सुनाई लेकिन विकास के कार्य धरातल पर शून्य ही रहे। ऐसे मे अब उनको अमरोहा के जिलाधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। ऐसे मे आने वाले नगर आयुक्त के सामने भी कई बड़ी चुनौतियां होंगी। 2015 बैच की आईएएस हरियाणा की मूल निवासी निधि गुप्ता वत्स ने बरेली की नगर आयुक्त के तौर पर 16 जुलाई 2022 को कमान संभाली थी। इसके बाद से ही नगर निगम लगातार अपने विकास कार्यों के अलावा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के संचालन को लेकर सुर्खियों में बना रहा। दो साल दो माह के कार्यकाल में सड़कों के गड्ढे तक नहीं भर गए है। इसके अलावा पार्षदों ने भी कई बाद नगर आयुक्त को भरे सदन और संवाद के दौरान खरी-खोटी सुनाई। इसमें निगम के अधिकारियों की अवमानना और समन्वय ना बनाने का मामला भी चर्चा का विषय बना रहा। इसके अलावा भी विकास कार्य प्रभावित हैं। अब बलरामपुर के सीडीओ संजीव कुमार मौर्य को नगर आयुक्त की जिम्मेदारी मिली है। जिनके लिए सबसे बड़ी चुनौती स्मार्ट सिटी के 14 कार्य होंगे। नए नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य को नगर निगम की व्यवस्थाओं को ठीक करने मे ही लगभग छह माह का समय लग जाएगा। इसमे सरकारी फाइलें गायब होने का मामला, ठेकेदारों का भुगतान, निर्माण विभाग में रस्सा कशी, विभागाध्यक्षों की ओर से नगर आयुक्त के आदेशों की अवमानना, अधूरे पड़े दो सौ विकास कार्य, अधिकारियों पर कंट्रोल खो चुका नगर आयुक्त का वर्चस्व वापस बनाने के साथ स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के संचालन का काम समझने मे और ट्रैक पर लाने मे समय लगेगा। वही स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के 14 कार्यों को लेकर महापौर उमेश गौतम ने भी मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल को पत्र लिखा है।।
बरेली से कपिल यादव