बरेली। फिल्म “क्या होता है जब” आज रात 9:30 बजे यूट्यूब चैनल vootVox पर विशेष प्रसारण के रूप में देखने को मिलेगी। यह पूरी तरह से बरेली के कलाकारों द्वारा बरेली में ही फिल्माई गई पहली ऐतिहासिक फीचर फिल्म है, जिसे दर्शकों के विशेष आग्रह पर फिर से प्रसारित किया जा रहा है। इस फिल्म का मुख्य आकर्षण इसका सामाजिक सरोकार और यथार्थवादी कथानक है, जो प्रेम संबंधों में आजकल घट रही सच्ची घटनाओं को दर्शाता है। फरवरी माह में जब यह फिल्म सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई थी, तब इसे अपार सफलता और दर्शकों का भरपूर प्यार मिला। बरेलीवासियों ने इसे पुनः देखने की मांग की, जिसके परिणामस्वरूप इसे केवल बरेली मंडल के दर्शकों के लिए एक विशेष शो के तौर पर निशुल्क यूट्यूब पर उपलब्ध करवाया जा रहा है। जिसका लिंक है https://youtu.be/Db25sgSjgp4
फिल्म का निर्माण और निर्देशन राजीव कुमार शर्मा द्वारा किया गया है, जिन्होंने लेखक, निर्माता, संपादक के रूप में भी अहम भूमिका निभाई है। संगीत संयोजन और मिक्सिंग का कार्य अनुज शर्मा और ऋतम शर्मा ने किया है। पर्दे के पीछे प्रोडक्शन टीम में अभिषेक पंडित, राहुल कुमार, अखिलेश सागर, अमन वर्मा, दीपक सहित अन्य कई लोगों का योगदान रहा है।
इस फिल्म में अभिनय करने वाले कलाकार भी पूरी तरह बरेली से ही हैं। उल्लेखनीय कलाकारों में सिम्मी गुप्ता (सदर बाजार कैंट), राजीव कुमार शर्मा (आलमगीरगंज), सचिन श्याम भारतीय (बड़ा बाजार), वैभव सक्सेना (प्रेम नगर), नरेंद्र यादव (ग्राम अंगूरी), किशोर कुमार (रामनगर), सुमित (फतेहगंज पूर्वी), सुरेश (बहेड़ी), अर्चना पंकज (कैंट), अंकित कटियार (कर्मचारी नगर), गौरव धीरज (ग्राम दोहरा) सहित गीतेश मौर्य, अभिषेक गुप्ता, यश राणा, गौरीशंकर शर्मा, पिंकी, विजय, आशुतोष सिंह, विवेक, विक्की सकलैनी आदि की प्रमुख भूमिकाएँ शामिल हैं।
समाज से जुड़े यथार्थवादी परिदृश्य पर आधारित यह फिल्म न केवल मनोरंजन करती है बल्कि दर्शकों को सोचने पर भी मजबूर करती है। फिल्म को सफल बनाने में बरेली के अनेक सामाजिक कार्यकर्ताओं व शुभचिंतकों का भी योगदान रहा है, जिनमें श्री एन.आर. शर्मा, श्रीमती रजनी शर्मा, श्रीमती प्रीति गुप्ता, श्री आनंद गुप्ता, श्री अनिल अग्रवाल (फनसिटी), श्री गुरदीप सिंह भिंडर, श्री गुडविन मसीह, डॉ. वीरेंदर गंगवार (प्रताप हॉस्पिटल) आदि के सहयोग को विशेष रूप से सराहा गया।
निर्माताओं ने सभी दर्शकों से आग्रह किया है कि वे फिल्म को संपूर्ण रूप से देखें, उसकी कहानी और संदेश को समझें तथा फिल्म के प्रति अपनी ईमानदार प्रतिक्रिया कमेंट के माध्यम से साझा करें। इस ऐतिहासिक क्षण में पूरी बरेली का गौरव समाहित है, क्योंकि यह फिल्म साबित करती है कि छोटे शहरों से भी सिनेमा की दुनिया में बड़े संदेश दिए जा सकते हैं।