अब तो राज्य में सरकार भी बदल गई अब और कितना परेशान करेंगे सम्पर्क पोर्टलो के ढर्रे से आमजन को

बाड़मेर/राजस्थान- राज्य में भाजपा की सरकार बनते ही साधारण व्यक्ति भजनलाल शर्मा के मुख्यमंत्री बनते ही आमजनता में खुशी का माहौल था कि अब हमारी मूलभूत समस्याओं का तुरंत समाधान करने के लिए लापरवाही बरतने पर कठोर कार्यवाही होगी लेकिन सरकारी कार्यालयों के कर्मचारियों और अधिकारियों ने तो अपनी कार्यशैली में कोई बदलाव ही नहीं करना चाहते हैं तो फिर कैसे होगा आमजनता की मूलभूत समस्याओं का समाधान कर राहत देने वाले कामकाज……

शासन सचिवालय जयपुर द्वारा समय-समय पर जारी किए गए दिशा-निर्देशों का जिला मुख्यालय पर अधिकारियों द्वारा दिन प्रतिदिन बढ़ती आमजन की शिकायतों का निस्तारण नहीं करने पर बेबसी ओर लाचार फरियादियों द्वारा राजधानी सहित मुख्यमंत्री कार्यालय तक अपनी शिकायतों को पहुंचाने के लिए बाकायदा अपनी शिकायतों को दर्ज करवा कर राहत महसूस करते हैं लेकिन सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा उन शिकायतों का निपटारा कैसे किया जाता है एक बार जरूर पढ़ें, सरकारी अधिकारियों द्वारा पहले तो सम्बंधित विभाग में भेजने के बहाने अलग अलग विभागों में भेजा जाता है ताकि फरियाद करने वाले और परेशान होते रहे आखिरकार अधिकारी भी कार्यवाही करने से ज्यादा शिकायतों को जानबूझकर बंद किया जाता है ताकि उनकी उच्च अधिकारियों के अनुसार पेंडेंसी नहीं हो, कोई सरकारी कार्यालयों में अधिकारी तो इनसे सख्त परहेज करते हैं जैसे मरीज कड़वी दवाईयों को खाने से।

ऐसा ही एक मामला राजस्थान संपर्क पोर्टल पर नगर परिषद ठेकेदार द्वारा नम्बरीकृत विधुत पोलों पर रोड़ लाइटों को लगवाने के लिए पोल नम्बर सहित पहली शिकायत तीन जनवरी को सुबह लगभग आठ बजे परिवाद क्रमांक 012405217935691 पर दर्ज किया गया था जिसके अनुसार रोशनी की जगह अन्धकार कायम है और अठारह जनवरी को सम्पर्क पोर्टल से जवाब दिया था कि आपके परिवाद क्रम: 012405217935691 जिसके निस्तारण की पुष्टि के दौरान आप नगर परिषद बाड़मेर द्वारा विभागीय कार्यवाही से असंतुष्ट पाए गए है| जानबूझकर शिकायत बन्द करने के साथ ही वही नये नम्बर से दूसरी शिकायत रूपी परिवाद सम्भागिय आयुक्त की बाड़मेर जिला मुख्यालय पर जनसुनवाई के दौरान पहली शिकायत की प्रति दिया गया था, कि रोड़ लाइटों को लगवाने की मांग की गई कलेक्ट्रेट जनसुनवाई पर भी हो सकता है कि राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर परिवाद क्रम: 012405218087441 किसने वहाँ पर दर्ज किया गया था इसमें मिली जानकारी के अनुसार सड़क किनारे विधुत पोलों के लगे होने के बावजूद भी अन्धकार होने से आमजनता की परेशानियों को देखकर रोड़ लाइटों को लगवाने की बात लिखी गई थी और इस शिकायत को सम्पर्क पोर्टल के कर्मचारियों द्वारा जानबूझकर जोधपुर विधुत वितरण विभाग को भेजा गया था और विधुत विभाग के अधिकारियों ने इसको नगर परिषद बाड़मेर के सम्बंधित अधिकारियों को भेजकर उचित समन्वय स्थापित कर रोड़ लाइटों को लगवाने का जिक्र किया गया था लेकिन सम्पर्क पोर्टल पर बेठे कर्मचारियों ने कहा कि आपकी शिकायत बन्द हो गई है और आपको एक और नयी शिकायत दर्ज करवाओगे। पहली शिकायत पर जिसके निस्तारण की पुष्टि के दौरान आप विभागीय कार्यवाही से असंतुष्ट पाए गए है और आज सुबह से ही दर्जनों बार सम्पर्क पोर्टल से फोन आया और बार बार एक ही रटा रटाया जवाब के साथ ही मैसेज दोपहर तीन बजे राजस्थान संपर्क हेल्पलाइन-181: आपका परिवाद क्रम: 012405218087441 निस्तारण कर दिया गया है। इसके निस्तारण की पुष्टि आपके द्वारा 181 प्रतिनिधि को की गयी हैं, लेकिन यह परिवाद दर्ज किसने करवाया था ये किसी को भी नहीं मालूम है। लेकिन मूलभूत समस्याओं का समाधान करने से पहले ही दो बार समस्याओं का समाधान करते हुए निस्तारण जरूर कर दिया है।

राज्य के मुखिया भजनलाल शर्मा दूर दराज के इलाकों में बसे हुए लोगों की मूलभूत आवश्यकताओं को देखते हुए उनकी समस्याओं को सुनने के लिए बाकायदा सैकड़ों सरकारी योजनाओं को लागू करतीं हैं तो फिर अड़ंगा डालने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई क्यों नहीं करती है। सम्पर्क पोर्टलों पर दर्ज कराने वाली शिकायतों पर सरकारी आंकड़ों में ही निस्तारण किया जाता है ताकि उनकी कार्यशैली पर सरकार प्रशंसा करें लेकिन असलियत में कोई भी सरकारी अधिकारी ओर कर्मचारी इस शिकायतों पर कोई समाधान करना ही नहीं चाहता है सिर्फ कम्प्यूटर पर बन्द करने के अलावा।

सेवानिवृत्त बी एल शर्मा ने बताया कि
राजस्थान सम्पर्क पोर्टल सरकार व प्रदेश के आमजनों के बीच एक ऐसा सरल व सुगम माध्यम है । जिसके द्वारा आमजन सरकार से संबंधित अपनी किसी भी परेशानी या समस्या के बारे में बेझिझक सरकार को बता सकते हैं। इससे न सिर्फ आमजन को उनकी परेशानियों का समाधान मिलता है साथ ही इससे सरकार की आमजन के प्रति संवेदनशीलता का भी परिचय मिलता है।

राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर आमजन घर बैठे ऑनलाइन अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने के लिए ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों एवं ज़िला स्तर पर राजस्थान सम्पर्क केन्द्रों की स्थापना भी की गई है। ई-मित्र कियोस्क पर भी आमजन अपनी शिकायतें दर्ज करवा सकते हैं।

समस्या समाधान को और आसान बनाने के लिए सरकार द्वारा राजस्थान सम्पर्क हेल्पलाइन 181 भी शुरू की गई है। इस हेल्पलाइन पर सरकारी कामकाज से जुड़ी समस्या बताकर समाधान करवाया जा सकता है।दर्ज शिकायतों के निस्तारण की जानकारी फोन कॉल पर देने के साथ ही पोर्टल पर भी फीडबैक की व्यवस्था की गई है।

ग्राम पंचायतों, तहसील, उपखंड ओर जिला मुख्यालय सहित संभागीय, मुख्यमंत्री कार्यालय ओर समय-समय पर सरकार द्वारा मंत्रीयो संत्री की बैठक ओर सुनवाइयों में सैंकड़ों लोगों के आवेदन सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के कम्प्यूटर में धूल फांक रही है। कई शिकायतों को एक दशक बाद भी वही ढाक के तीन पात ….

सरकार द्वारा इस योजना मे सुधार करने के लिए सबसे पहले अपने सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ ग़लत जानकारी देते हैं तो उनकी तनख्वाह काटकर मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करवाने पर ही माहौल सुधारने की बात होगी अन्यथा नहीं।विभिन्न प्रकार के सरकारी कार्यालयों में हमेशा दर्ज कराने वाली शिकायतों का आंकड़ा देखने के बाद निस्तारण करने की गति को देखकर अंदाजा लगा सकते हों की आमजन को राहत कैसे मिलेगी।

– राजस्थान से राजूचारण

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