देवरनियां, बरेली। गरीब, असहाय, बेवा व बेघर लोगों को सरकार जनकल्याणकारी योजनाएं चलकर पीएम आवास दे रही हैं लेकिन कई लोग आज भी मिट्टी के घर व झोपड़ी में रहने को विवश हैं। इसे प्रशासनिक उपेक्षा कहें या गड़बड़ झाला कि अभी भी कई लोग इससे वंचित हैं। ऐसा ही एक मामला ब्लॉक रिछा की ग्राम पंचायत बसुपुरा का है। ग्राम प्रधान पर गांव की एक गरीब बेसहारा महिला ने पात्र होने के बावजूद आवास योजना में शामिल नहीं करने का आरोप लगाया है। उसने सांसद को पत्र लिखकर प्रधान पर पक्षपात का आरोप लगाया है। प्रधान पर अपने चहेते अपात्र का भी नाम लाभार्थियों की सूची में शामिल कर लिया है। ब्लॉक रिछा की ग्राम पंचायत बसुपुरा निवासी कैंसर पीड़ित मोहनलाल की पत्नी राजकुमारी ने सांसद वरुण गांधी को पत्र भेजकर शिकायत की है। शिकायत में राजकुमारी ने प्रधान नूरजहां व सचिव पर शासन द्वारा चयनित आवास लाभार्थियों की सूची में उसका नाम शामिल नहीं करने का आरोप लगाया है। राजकुमारी ने बताया कि वह एक गरीब परिवार से है जो एक झोपड़ी में गुजर-बसर कर रही है जबकि उसका पति मोहन लाल कैंसर की बीमारी का मरीज है। पत्र में कहा गया है कि गांव की प्रधान ने पक्षपात पूर्ण रवैया अपना आ रही है। पात्र होने के बाद भी आवास सूची में उनका नाम शामिल नहीं किया गया जबकि गांव के प्रधान ने अपने खास चहेते पात्रों को भी चयनित आवास सूची में शामिल कर लिया है। वहीं सांसद वरुण गांधी के निजी सचिव नसीब सिंह संधू ने राजकुमारी की शिकायत पर जल्द उच्च अधिकारियों से मामले की जांच कराकर न्याय दिलाने की बात कही है। इस बाबत सांसद प्रतिनिधि व वरुण यूथ बिग्रेड के विधानसभा अध्यक्ष ढाकन लाल गंगवार ने ग्राम विकास अधिकारी को फोन कर फरियादी को प्रधानमंत्री आवास योजना में लाभार्थियों की सूची में शामिल करने के लिए कहा है। इस बाबत ग्राम विकास अधिकारी एपी त्यागी ने पीड़ित महिला के आरोप को गलत बताया है। उधर खंड विकास अधिकारी अतुल यादव ने मामले की जांच की बात कही है और लिखित शिकायत मिलने पर कार्यवाही की बात कही है।।
बरेली से कपिल यादव