बरेली। शुक्रवार को बरेली मे तीन घंटे तक मूसलाधार बारिश ने नगर निगम के दावों की पोल खोलकर रख दी। नालों से जल निकासी सही से न होने के कारण शहर मे जगह-जगह जलभराव हो गया। पॉश इलाके की सड़कें भी बारिश के पानी से लबालब हो गई। सावन माह में सड़कों को गड्ढे मरम्मत करने के दावे अधिकारी करते रहे लेकिन पहला सोमवार आने को है। टूटे मार्ग दुरुस्त नही हुए है। बारिश हुई तो जो पैचवर्क किए वो सब धुल गए। नगर निगम से लेकर बरेली विकास प्राधिकरण और एनएचआई के अधिकारी दावे तो करते रहे लेकिन बिगड़े मार्गों के हालात सुधर नही पाए। कांवड़ यात्रियों के आने जाने वाले मार्ग की सुविधा को लेकर सरकार गंभीर है। लेकिन, जर्जर सड़कों और कांवड़ मार्ग पर फैली गंदगी और कूड़े के ढेर, उखड़े पड़े मेनहाल, नाले स्लैब को ठीक करने के लिए अफसरों की नींद टूटी नहीं है। बदायूं रोड की बात करें तो यहां से सबसे ज्यादा कांवड़ियों का जत्था इसी रोड से गुजरता है। इस रोड का पैचवर्क खानापूर्ति कराया गया। बारिश हुई तो पैचवर्क उखड़ गया। सड़कों पर जगह जगह गड्ढे हो गए। जिससे कांवड़ियों का जत्था इसकी जलभराव से होकर गुजरा। नगर निगम के अफसरों की अनदेखी के कारण वनखंडीनाथ और अलखनाथ मंदिर पर ही कांवड़ियों को ऊबड़-खाबड़ और कीचड़ वाले मार्ग से होकर गुजरना पड़ेगा। स्थानीय निवासियों का कहना है कि सड़क खोदकर ऐसे ही छोड़ दी है। हालत यह है कि थोड़ी सी बारिश होने पर सड़क पर पानी भर जाता है। कई जगहों पर तो की गई पैचिंग भी उखड़ गई है। शहर के सुभाषनगर इलाके मे बारिश के कारण हालात बद से बदतर हो गए। यहां नाला उफनाने से घरों में गंदा पानी घुस गया। शुक्रवार की सुबह जब लोगों की नींद टूटी तो घरों मे पानी भरा देख होश उड़ गए। लोग व्यवस्था को कोसते हुए पानी निकालने में जुट गए। सड़कों पर जलभराव के कारण लोगों को खासी परेशानी हुई। जिला अस्पताल में जलभराव होने से मरीजों को आने-जाने में परेशानी हुई। जलभराव के कारण बदायूं रोड पर तो बाढ़ जैसे हालात दिखाई दिए। रेलवे कॉलोनी के लोगों की भी इस समस्या से दो चार होना पड़ा। नौकरीपेशा व्यक्ति सुबह-सुबह बारिश मे भींगते हुए ऑफिस पहुंचे। बारिश के कारण स्कूलों में छात्र संख्या कम रही और शिक्षण प्रभावित रहा। सड़कों पर जलभराव होने से लोगों को जलभराव की समस्या से जूझना पड़ा। दोपहर करीब 12 बजे तक ऐसे ही हालात बने रहे। जिला अस्पताल मे जलभराव होने से मरीजों को आने-जाने में काफी परेशानी हुई। डॉक्टरों और स्टाफ को भी कक्ष तक पहुंचने के लिए पानी से गुजरना पड़ा।।
बरेली से कपिल यादव