अनूठा योग दिवस : गुरु जी ने झोली फैला कर ली पांच संस्कारों के संकल्प की भिक्षा

*नस नाड़ियों के साथ नदियों नालियों को साफ रखने का संदेश दे गए योग गुरु

*जीरो इन्वेस्टमेंट से सेहत और सुंदरता बढ़ाने के योग टिप्स दिए

सहारनपुर – जिला प्रशासन, नगर निगम, मोक्षायतन योग संस्थान व शिक्षा विभाग समेत विविध संगठनों के सहयोग से भारत के नक्शे के रूप में बैठे योग प्रेमियों से भरे अंबेडकर स्टेडियम में पांच साल बाद मौजूद अंतर्राष्ट्रीय योग गुरु पद्मश्री स्वामी भारत भूषण ने अपने अनूठे अंदाज में योग कराकर सभी को एक सूत्र में बांध दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उनके सामने लिए गए योग को वैश्विक ऊंचाई देने के संकल्प को याद किया और योग सिखाते सिखाते योग से बढ़े भारत के अंतर्राष्ट्रीय गौरव का जिक्र किया कि परमाणु युद्ध के कगार पर बैठी दुनिया के सारे देश आज भारत के प्रधानमंत्री के पास मौजूद सुदर्शन चक्र की ओर आशा से देख रहे हैं। उन्होंने कहा की योग दरिद्र नहीं निर्लिप्त होता है इसी लिए सही न्याय और सही कर्तव्य पालन कर पाता है। आवश्यकता पड़ने पर कृष्ण और चाणक्य की तरह आज भी मोदी और योगी ने देश व प्रदेश की जर्जर होती जा रही व्यवस्था को निर्लेप भाव से संवारा है। योग गुरु ने सर्वांगपुष्टि और सूक्ष्म योग व्यायामों से नस नाड़ियों को साफ रखने के तरीके सिखाते हुए नस नाड़ियों नदियों नालियों को साफ रखने का संदेश दे दिया और नागरिकों से कहा कि नगर को स्मार्ट तभी बना सकेंगे जब हम स्वयं स्मार्ट होंगे। योग गुरु ने जीरो इन्वेस्टमेंट से सेहत और सुंदरता बढ़ाने के लिए समवेत प्राणायाम के योग टिप्स दिए उन्होंने नाभी की मजबूती व रीढ़ की लचक और सुंदरता के साथ संयम सौंदर्य और प्रजनन अंगों की पुष्टि के लिए सर्प आसान और मूल बंध के गूढ़ रहस्यों को समझाया और बताया कि योग अपनाने के लिए न अलग से समय देना होता है और न ही थकना होता है, उन्होंने सूर्य को ऊर्जा का स्रोत और इसे आनंद का स्रोत बताते हुए शिशु गति और रीढ़ में ऊर्जा विस्तार के लिए गर्दभ गति के प्रयोग कराते हुए इन योग गतियों को आज की लाइफ स्टाइल बीमारियों हाइपर टेंशन एंजाइटी का रामबाण बताते हुए डायबिटीज के लिए वक्रासन और तनाव व दूरियां मिटाने के लिए स्वयं से आलिंगन की विधि लता गति से लोगों को परिचित कराया। इंद्र देव से योगियों के नाते को याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि जितनी देर हम योग करेंगे उतनी देर इंद्रदेव बादल की छतरी हम सब पर ताने रहेंगे, और ऐसा ही हुआ, मौसम पूरा समय सुहाना बना रहा। योग गुरु स्वामी भारत भूषण ने कहा कि पत्थर पर नहीं उपजाऊ मिट्टी पर वर्षा और संस्कारवान व्यक्ति पर विद्या फलती है। उनसे प्रेरित हो कर उपस्थित भीड़ ने योग संस्कारों की ओर लौटने के लिए ममी और डैड जैसे शब्दों को मृतक का प्रतीक मानते हुए मां और पिता शब्द का चलन शुरू करने के साथ ही योग गुरु को पांच व्रतों का संकल्प ले कर अनूठा दान दिया, ये व्रत हैं सूर्योदय से पहले जागकर मां पिता गुरु को प्रणाम, नित्य योगाभ्यास, सात्विक भोजन, नित्य स्वाध्याय और नशे से दूर रहना। योग गुरु स्वामी भारत भूषण ने झोली फैलाकर ये संकल्प दान स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि योग दिवस भारत का विश्वविजय अभियान है और सुसंस्कार हमारी शक्ति, इसीलिए भारत सरकार ने इस वर्ष योग का थीम वसुधैव कुटुंबकम् रखा है। कार्यक्रम में महापौर डा अजय कुमार सिंह, भाजपा प्रदेश मंत्री चंद्र मोहन जिलाध्यक्ष महेंद्र सैनी, नगर विधायक राजीव गुंबर, जिलाधिकारी डा दिनेश चंद्र जिला विद्यालय निरीक्षक योगराज सिंह आदि के साथ बड़ी संख्या में मोक्षायतन अंतर्राष्ट्रीय योग संस्थान के साधक भी मौजूद रहे औरत में राष्ट्रगान से पूर्व शीर्ष आसान का विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले जिलाधिकारी दिनेश चंद्र ने योग गुरु का आशीर्वाद लेकर हनुमान चालीसा के साथ शीर्ष आसन के विविध रूपों का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार डा वीरेंद्र आजम ने किया।

– सहारनपुर से सुनील चौधरी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *