अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के 215 मामलों का किया गया निस्तारण: डा. रामबाबू हरित

बरेली- उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष डा. रामबाबू हरित ने बताया कि प्रदेश में रह रहे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों की ओर से प्राप्त शिकायतों का अनुश्रवण/सुनवाई करना और उसका सम्यक विधि एवं विधिपर्ण समाधान करना है।
आयोग के समक्ष अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के जो प्रकरण आते है वह मुख्यतः पुलिस एवं राजस्व विभाग से संबंधित होते है। इसके अतिरिक्त आयोग के समक्ष विभागीय एवं उत्पीडन के मामलों में दी जाने वाली आर्थिक सहायता से संबंधित मामले भी आते हैं। आयोग कुछ मामलों में जैसे समाचार पत्रों, इलेक्ट्रानिक मीडिया में आई खबरों का स्वतः संज्ञान भी लेता है। उसके पश्चात आयोग द्वारा ऐसे मामले को नियमानुसार निस्तारण करने का प्रयास किया जाता है।
उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष डा. रामबाबू हरित आज सर्किट हाउस में एक प्रेस वार्ता को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि आयोग में अध्यक्ष के पद पर दिनांक 18 जून 2021 को उन्होंने कार्यभार ग्रहण किया है। उस समय आयोग में सुनवाई हेतु 342 मामले लंबित थे, जिनमें पुलिस विभाग के 280 राजस्व विभाग के 40 व विभाग से संबंधित 22 मामले लंबित थे। इनमें से 215 मामले निस्तारित किए गए।
श्री हरित के कार्यकाल के 5 माह से भी कम समय में कुल 3107 प्रार्थना पत्र आयोग में प्राप्त हुए जिनमें से 1981 मामलों में संबंधित विभागों को अपने स्तर से निस्तारण हेतु भेजे गए। 1126 मामलों में संबंधित विभागों से आख्यायें मंगा कर आयोग द्वारा निस्तारण किया गया।
उन्होंने कहा कि यहां पर यह भी बताना चाहता हूँ कि अनुसूचित जाति और अनुसूचति जनजाति के व्यक्तियों को सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली आर्थिक सहायता को सक्षम प्राधिकारियों द्वारा समय से प्रदान नहीं कराई जाता है। ऐसी शिकायतें भी आयोग को प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि आर्थिक सहायता से संबंधित मामलों का गम्भीरतापूर्वक संज्ञान लेकर उनका त्वरित निस्तारण कराया गया जिसके फलस्वरूप दो माह से कम की अल्प अवधि में 83 प्रकरणों का निस्तारण करते हुए पीड़ित परिवार को 1,24,91,250 रुपये की धनराशि आर्थिक सहायता के रुप में आयोग के हस्तक्षेप से उपलब्ध कराई गई। इससे पीड़ित व उसके परिवार के सदस्यों को आर्थिक लाभ प्राप्त हुआ और वे पुनर्वास की प्रक्रिया में शामिल हुए।

उन्होंने बताया कि समाज कल्याण विभाग से प्राप्त आकड़ों के आधार पर वित्तीय वर्ष (1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक) 2020-2021 में अत्याचारों से उत्पीड़ित अनुसूचित जाति एवं जनजाति के 23,592 व्यक्तियों को 229.05 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। दिनांक 31 अगस्त 2021 को आयोग में विचाराधीन 19 मामलों की सुनवाई की गई, जिनमें से 08 मामलों का निस्तारण किया गया।

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