अधिग्रहित जमीन की भी सींचपाल ने कराई थी रजिस्ट्री, घर मे मिले 91 हजार

बरेली। सिंचाई परियोजना मे अधिग्रहित जमीन के मुआवजे के लिए रजिस्ट्री कराने के दौरान कारोबारी से दस हजार रुपये की रिश्वत लेने के आरोपी बादखंड के सींचपाल को शनिवार को कोर्ट में पेश करके गेल भेज दिया गया। इस दौरान वह भी सामने आया कि मुआवजा पाने के लिए उसने फर्जीवाड़ा कर कारोबारी की बेटी की जमीन के एक हिस्से का अपने नाम पर बैनामा भी करा लिया था। बड़ा डाकखाना पर साल्वेशन आर्मी रोड पर फ्रेंड्स अपार्टमेंट निवासी दिलीग अग्रवाल की बेटी दीपाशी के नाम पर मीरगंज तहसील मे करीब पांच बीधा जमीन है, जो दो टुकड़ों मे है। यह जमीन बरेली-बदायूं सिंचाई परियोजना के लिए अधिग्रहित कर ली गई लेकिन रजिस्ट्रीन होने से उन्हें मुआवजा नही मिल सका। इसके लिए सिविल लाइंस स्थित सिंचाई विभाग कार्यालय के सींचपाल ऋषि कुमार सिंह ने उनसे एक लाख की रिश्वत मांगी। शुक्रवार को इस जमीन के छोटे हिस्से के बैनामे के दौरान ऋषि कुमार ने जैसे ही दिलीप आग्रवाल से दस हजार की रिश्वत ली। एंटी करप्शन टीम ने उसे दबोच लिया। सीबीगंज थाने मे रिपोर्ट दर्ज कराकर शनिवार को उसे जेल भेज दिया गया। इस रिपोर्ट में एंटी करप्शन ने यह भी लिखाया है कि दिलीप अग्रवाल ने यह जमीन धनेटा के सुरेंद्र कुमार से खरीदी थी। जब जमीन का बाढ़ खंड मे अधिग्रहण हो गया तो मुआवजा पाने के लिए ऋषि कुमार ने सुरेंद्र से इसके एक हिस्से का अपने नाम पर वैनामा करा लिया। मगर जमीन का दाखिल खारिज दिलीप की बेटी दीपली के नाम पर होने से उसे इसका लाभ नही मिल सका। एंटी करप्शन टीम ने ऋषिपाल की गिरफ्तारी के बाद उसके घर की तलाशी ली तो वहां से 91 हजार 500 रुपये मिले। पुलिस ने पूछताछ की तो उसकी पत्नी ने यह रकम अपनी बताई और कहा कि घेरलू खर्च के लिए रखी थी।।

बरेली से कपिल यादव

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