बरेली। ई-रिक्शा और ऑटो मे स्टैंड पर कमाई के लिए चालक अपनी जान जोखिम मे डाल रहे हैं। ज्यादा मुनाफे की चाह में चालक सवारी गाडियो में ठूस-ठूस कर सवारियां भर शहर की मुख्य सड़कों पर फर्राटा भर रहे हैं। यातायात पुलिस भी इसको लेकर गंभीर नहीं है। पुलिस सिर्फ मास्क की चेकिंग के नाम पर खानापूरी कर रही है। शहर में करीब सात हजार ऑटो और ई-रिक्शा पंजीकृत हैं। इसके अलावा बिना पंजीकृत ई-रिक्शा और आटो की संख्या भी एक हजार से कम नही है। कोरोना काल के बाद से ही चालकों के लिए कोई रूट तैयार नही है। कोई भी चालक कहीं भी ऑटो और ई-रिक्शा लेकर आ जा सकता है। कोरोना को देखते हुए मास्क और स्टैंड पर शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए लगातार अपील की जा रही है। लेकिन अधिक कमाई के चलते चालक स्टैंड पर सवारियों को पकड़-पकड़कर अपनी गाडियो में बैठा रहे हैं। इसके साथ ही स्टैंड पर न तो शारीरिक दूरी का ख्याल रखा जा रहा है, और न ही मास्क का इस्तेमाल हो रहा है। सीएमओ डॉ. ए.के गर्ग का कहना है कि कोरोना से बचाव के लिए शारीरिक दूरी बहुत जरूरी है। इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति बिना मास्क के सफर कर रहा है और वह संक्रमित है तो उसका छींक या खांसी के साथ निकले ड्रॉपलेट्स सामने बैठे व्यक्ति को भी संक्रमित कर सकते हैं। इसलिए ऑटो और ई-रिक्शा चालक बिना मास्क लगाएं चालकों की गाड़ियों में न बैठे। कोरोना संक्रमण को लेकर देश के प्रदेशों मे लॉकडाउन एक बार फिर से लगना शुरु हो गया है। जिसके बाद से ही प्रवासी मजूदर अपने-अपने घरों को लौटने लगे हैं। इसको लेकर रेलवे जंक्शन, बस स्टैंड और सेटेलाईट पर लोगों की भीड़ लग रही है। ज्यादा सवारियों के लालच मे ऑटो और ई-रिक्शा चालक भी यहां सवारी भरने पहुंच रहे हैं। लेकिन ऐसे में चालकों को बेहद सावधान रहने की जरूरत है। सवारी गाड़ी में बैठाने वाले हर किसी को मास्क पहनने को टोके, सवारी उतरने के बाद सीट का सेनिटाईज करें। इसके अलावा पैसे लेते और देते समय भी विशेष सावधारी बरतने की जरूरत है।।
बरेली से कपिल यादव