अधिकारी हो या थाना प्रभारी दो से तीन घंटे रोज सुने समस्याएं- अजय साहनी

बरेली। आईजी डॉ. राकेश सिंह के सेवानिवृत्त होने के बाद बरेली मे तैनात हुए डीआईजी अजय कुमार साहनी ने बुधवार रात बरेली आकर अपने पद का प्रभार ले लिया। बृहस्पतिवार को उन्होंने अपने कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता में स्पष्ट किया कि सरकार और डीजीपी की प्राथमिकता है कि फरियादियों की समस्याएं सुनी जाए। इसके लिए समय निर्धारित किया गया है। कोई भी वरिष्ठ अधिकारी हो या थाना स्तर के अधिकारी, उन्हें दो से तीन घंटे अपने दफ्तर में बैठकर जनता की बात सुननी ही होगी। डीआईजी ने निर्देश दिए हैं कि दफ्तर में आए आखिरी फरियादी की समस्या सुनकर ही उठना होगा। यह नियम तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है। डीआईजी ने कहा कि बीट प्रणाली पुलिस विभाग की रीढ़ है। बीट प्रणाली को मजबूत किया जाएगा और पांच-पांच सिपाहियों को अचानक बुलाकर बीट बुक चेक की जाएगी। सूचना को गंभीरता से नहीं लेने वाले लापरवाह पुलिस वालों पर कार्रवाई की जाएगी। मौजूदा हालत मे गृह मंत्रालय के निर्देशों के तहत बरेली रेंज के चार जिलों में सुरक्षा बढ़ाई गई है। खुफिया विभाग को और भी सक्रिय किया है। पुलिस हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है। डीआईजी अजय कुमार साहनी ने प्राथमिकता बताते हुए कहा कि कानून व्यवस्था में सुधार और अपराध नियंत्रण के लिए काम किए जाएंगे। जिस तरह से साइबर क्राइम के मामले बढ़ रहे हैं उस पर लगाम लगाने के लिए लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा। साइबर क्राइम पुलिस को भी विशेष प्रशिक्षण दिलवाया जाएगा। साइबर क्राइम के मामलों पर लगाम लगाने के प्रयास किए जाएंगे। नए डीआईजी ने साफ किया है कि बरेली और शाहजहांपुर के मादक पदार्थ तस्करों और उनके मददगारों पर बड़ी कार्रवाई करेंगे। पांच साल में जो भी तस्कर पकड़े गए हैं, पुलिस उनकी कुंडली खंगाल रही है। 2009 बैच के आईपीएस अजय कुमार साहनी कई जिलों में बतौर एसएसपी तैनात रहे हैं। एसएसपी के तौर पर अजय कुमार साहनी सिद्धार्थनगर, आजमगढ़, अलीगढ़, बाराबंकी, मेरठ, बिजनौर और जौनपुर में तैनात रहे। इसके बाद से अब तक वह डीआईजी सहारनपुर के पद पर तैनात थे। वार्ता के दौरान एसएसपी अनुराग आर्य भी यहां मौजूद रहे।।

बरेली से कपिल यादव

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