अधिकारियों में हाथापाई:सीडीओ को हटाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे कर्मचारी

आजमगढ़- विकास भवन सोमवार को अखाड़ा में तब्दील रहा। सुबह 11 बजे के करीब फाइल पर हस्ताक्षर करने को लेकर परियोजना निदेशक (जिला ग्राम विकास अभिकरण) दुर्गादत्त शुक्ल व मुख्य विकास अधिकारी कमलेश सिंह के बीच जमकर कहासुनी हुई। तू-तू, मैं-मैं के बीच एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप व अपशब्दों की बौछार संग हाथापाई और कॉलर पकड़ने तक की भी नौबत आने की चर्चा रही। मामला इस कदर बढ़ गया कि कर्मचारियों को आगे आकर दोनों अधिकारियों को अलग करना पड़ा। वहीं इसके बाद विकास भवन को बंद कर डीआरडीए अधिकारी और कर्मचारी सीडीओ को हटाने की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। विकास भवन के सामने लोगों की भीड़ लग गई। सूचना होने पर डीएम के कहने पर एडीएम वित्त एवं राजस्व मनाने के लिए पहुंचे, लेकिन बात नहीं बनी। परियोजना निदेशक व कर्मचारी सीडीओ के स्थानांतरण की जिच पर अड़े रहे।
उधर, सीडीओ ने हाथापाई, मारपीट और गाली गलौज का आरोप लगाया। मुख्य विकास अधिकारी कमलेश कुमार सिंह ने कहा कि शासन के निर्देश पर मैं हटने के लिए तैयार हूं लेकिन जनता के हित में परियोजना निदेशक और जिला विकास अधिकारी को यहां से हाटाना जरूरी है। उन्हें भी हटाया जाए। दोनों कमीशनखोरी के चक्कर में विकास के प्रभावित कर रहे हैं। उन्होंने कहा की परियोजना निदेशक के कार्यों की सीबीआई जांच होनी चाहिए।
सीडीओ ने कहा कि पीडी व डीडीओ दोनों मिलकर साजिश के तहत इस मामले में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। अगर मैं दोषी हूं तो मुझे दंडित किया जाए, अन्यथा डीडीओ व पीडी के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। यहाँ तक कहा की सांसद व विधायक निधि में कमीशन खाया जा रहा है। अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और जान-बूझकर गलत कार्य करवा रहे हैं। इसे लेकर काफी दिनों से साजिश हो रही है। साजिश के तहत ही पीडी सोमवार को मेरे कार्यालय में सांसद व विधायक निधि की फाइल लेकर आए थे। फाइल पर मैंने हस्ताक्षर भी कर दिया और यह लिख दिया कि कुछ फाइलों व कार्यो की जांचकर ही भुगतान करें। इस पर वह तमतमा गए और फाइलों को डीआरडीए के बाबू के ऊपर फेंक दिया। दु‌र्व्यवहार करने लगे। आफिस के स्टाफ ने भी देखा है। वहीँ अपना पक्ष रखते हुए परियोजना निदेशक दुर्गादत्त शुक्ल ने कहा कि सांसद व विधायक निधि से जुड़ी फाइल हस्ताक्षर के लिए सीडीओ के पास ले गया था। फाइल पर हस्ताक्षर करने की जगह वह अपशब्द बोलने लगे कमीशनखोर आदि शब्दों से संबोधित करने लगे। इतना ही नहीं फाइल भी फेंक दी, हाथापाई शुरू कर दी। लंबे समय से उनका बर्ताव ठीक नहीं है। यह अपने को अच्छा व अन्य सभी अधिकारियों को गलत समझते हैं। इस तरह के घटनाक्रम के बाद दोपहर में डीएम और एसपी ने सीडीओ को बुला मामला शांत करने के लिए प्रयास किया।

रिपोर्ट-:राकेश वर्मा आजमगढ़

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