अधर में लटकी मार्कशीटों की जांच, रुविवि और बीएसए कार्यालय के बीच फंसा मामला

बरेली। फर्जी डॉक्यूमेंट पर कासगंज में बेसिक शिक्षा में नौकरी हासिल करने वाली शिक्षिका अनामिका के मिलने के बाद प्रदेश भर में हड़कंप मच गया है। बात इस कदर बिगड़ी है कि एक के बाद एक सभी शिक्षकों की जांच शुरू हो गई। एक ओर शासन फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मार्कशीटों के सत्यापन पर जोर दे रहा है। दूसरी ओर विभाग और विश्वविद्यालय के बीच सत्यापन की प्रक्रिया ही अटकी हुई है। रुहेलखंड विश्वविद्यालय प्रशासन सत्यापन के लिए परिषदीय स्कूलों के 30 शिक्षकों की मार्कशीट मांग रहा है। मार्कशीट के सत्यापन को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग और यूनिवर्सिटी प्रशासन आमने-सामने आ गए। शिक्षकों की मार्कशीट के सत्यापन को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से पत्र लिखा गया है मगर शिक्षकों की मार्कशीट भेजी ही नहीं गई है। जिस कारण यूनिवर्सिटी प्रशासन ने जांच से हाथ खड़े कर दिए हैं तो दूसरी ओर विभाग ने अपनी गलती को स्वीकार करते हुए मार्कशीट जल्दी भेजने की बात कही है विभाग ने जल्दी 30 शिक्षकों की मार्कशीट यूनिवर्सिटी भेजने के लिए निर्देश दिए हैं।
बोले अफसर बिना मार्कशीट कैसे करें सत्यापन
बेसिक शिक्षा विभाग ने अपने 30 शिक्षकों की फाइल बनाकर यूनिवर्सिटी को सौंपी है लेकिन यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने शिक्षकों की फाइल का सत्यापन करने से साफ इनकार कर दिया है क्योंकि मार्कशीट न होने से विभाग पर कई सवाल उठाए हैं। जबकि यूनिवर्सिटी की ओर से पहले ही बता दिया गया था कि मार्कशीट के साथ ही शिक्षकों के सभी डाक्यूमेंट्स भेजे जाएं। जिससे कि जल्द से जल्द शिक्षकों की मार्कशीट का सत्यापन हो सके।
विभाग और यूनिवर्सिटी के बाबू भी निशाने पर
एक चर्चा यह भी आ रही है कि शिक्षकों के डॉक्यूमेंट के इस खेल में बेसिक शिक्षा विभाग और यूनिवर्सिटी के कई बाबू भी निशाने पर हैं। सूत्रों की माने तो यूनिवर्सिटी में फर्जी डॉक्यूमेंट बनाने को लेकर कई बाबू पकड़े भी जा चुके हैं। ऐसे में यूनिवर्सिटी और बेसिक शिक्षा विभाग के कई बाबू फंस सकते हैं।
विभाग के बाबू भी सेटिंग में सबसे आगे
शिक्षकों के डॉक्यूमेंट की जांच की फाइल बाबुओं के टेबल से होकर गुजरती है। यहीं से शुरू होता है सेटिंग का खेल। बाबू नौकरी की फाइल इनके पास होने की बात बोलकर अभ्यर्थी से जमकर सेटिंग कर लेते हैं और शिक्षकों के डॉक्यूमेंट का सत्यापन हुए बगैर ही शिक्षक बना दिए जाते हैं। इस बारे में पहले भी कई बाबू पकड़े जा चुके हैं। फर्जी शिक्षकों की जांच और सत्यापन के लिए उच्च शिक्षा अधिकारी ने बरेली और मुरादाबाद मंडल के कई कालेजों में भी शिक्षकों के डॉक्यूमेंट की जांच के लिए निर्देश दिए थे। बरेली कॉलेज में शिक्षकों के डॉक्यूमेंट की जांच शुरू कर दी है। इसके लिए कॉलेज प्रशासन ने सभी शिक्षकों से उनके डॉक्यूमेंट मांगे हैं। कई शिक्षकों ने अपने डॉक्यूमेंट दे भी दिए हैं।।

बरेली से कपिल यादव

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