आजमगढ़ : अगर आपके बैंक खाते में हो रही लेनदेन का एसएमएस आपके मोबाइल नंबर पर न आये तो सतर्क हो जाएँ , कहीं आप बैंक फ्रॉड शिकार तो नहीं हुए ! अगर यकीन नहीं है तो जान लें आजमगढ़ के गोमाडीह बाजबहादुर यूबीआई शाखा से एक किसान के खाते से फ्राड कर 32 लाख 30 हजार रुपये निकालने के मामले में पुलिस ने पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है । गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से बैंक खाते से जालसाजी कर निकाली गई दो लाख 10 हजार रुपये के साथ ही एक्टिवा , मोबाइल,सहित अन्य कागजात भी बरादम किए गए है। घटना को अंजाम देने में गिरफ्तार हुए एक पूर्व बैंक मित्र की मुख्य भूमिका रही है। गंभीरपुर थाने के कटघर गांव निवासी रामाश्रय प्रजापति पुत्र लुटई प्रजापति की गोमाडीह बाजबहादुर यूबीआई शाखा में खाता है। खाते के संचालन के लिए उसने बैंक में अपना मोबाइल नंबर आवंटित कराया था। हाईवे में जमीन जाने पर मुआवजे के रूप में रामाश्रय प्रजापति को 87 लाख 66 हजार रुपये मिले थे। वह अपने खाते में पूरी रकम जमा किया था। रामाश्रय प्रजापति के खाते से फ्राड कर 33 लाख 64 हजार रुपये निकाले जाने पर पुलिस ने 30 नवंबर को यूबीआई शाखा प्रबंधक सहित अन्य अज्ञात कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया था। विवेचना के दौरान कुछ व्यक्तियों का नाम प्रकाश में आया। इस बीच मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने शुक्रवार की शाम को सुरजनपुर मोड़ के पास एक वांछित अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के बाद मुख्य अभियुक्त सहित चार साथियों को भी गिरफ्तार कर लिया।
एसपी सिटी कमलेश बहादुर ने बताया कि गिरफ्तार लोगों में मुख्य अभियुक्त मुसाफिर पुत्र हरिश्चंद्र गड़हा , सुक्खू यादव पुत्र स्व.हरिनाथ यादव गंभीरपुर थाने के टेकमलपुर गांव का निवासी है। जबकि श्यामलाल पुत्र निरहू सुरजनपुर, राजेश पुत्र जियालाल बरवा जलालपुर और इम्तिेयाज उर्फ मिस्टर पुत्र मंसूर निजामाबाद थाने के फरिहां गांव का निवासी है। तलाशी लेने पर पांचों के पास से बैंक खाते से फ्राड कर निकाली गए दो लाख 10 हजार 770 रुपये बरामद किए गए।
एसपी बताया कि मुख्य अभियुक्त मुसाफिर 2014 के समय में बैंक मित्र था उसी दौरान जनधन योजना के खाते खुल रहे थे और किसी लापरवाही के चलते बैंक में ही उसे उन खातों की एटीएम कार्ड समेत जानकारी मिली जिन खातों का आधार लिंक नहीं था। उसने इन खातों के डिटेल रख लिए और बाद में अपने मित्रों के नाम से सिम कार्ड निकाल उन नम्बरों को बैंक खाते से जुड़वा दिया। जिससे खाते के वास्तविक मालिक को मैसेज मिलना बंद हो गए। इधर उसने फ़ोन-पे एप्प का इस्तेमाल कर लगातार ज्यादा रकम वाले खाते से धन अपने मित्रों के खाते में कमीशन पर ट्रांसफर करना शुरू कर दिया। इस तरह उसने कुल मिला कर 32 लाख से ज्यादा की रकम उड़ा दी। उस पैसे से उसने अपनी माँ के नाम जमीन, गाडी, सोना तो खरीदा ही साथ ही दिल्ली जा कर 03 लाख रुपये ऐशो आराम पर खर्च कर दिए। कमाल की बात यह है की मुख्य आरोपी ने पूरे घटना क्रम में कहीं भी अपना नाम इस्तेमाल नहीं होने दिया।
रिपोर्ट-:राकेश वर्मा आजमगढ़