लखनऊ- कलम से शब्दों के माध्यम से सही और गलत की परिभाषा बताते है क्योकि हम पत्रकार है आज जिस तरह से मीडिया का विस्तार और व्यवसायीकरण हो रहा है वह चिंता का विषय है. कई लोग पत्रकारिता के क्षेत्र में महज इसीलिए आये है क्योकि उनको अपना जीवन यापन करने के लिए अन्य काम न करना पड़े क्योकि ईमानदारी और मेहनत के साथ जीविका यापन करने के लिए धरातल पर नंगे पांव चलना पड़ता है. उक्त विचार दैनिक राष्ट्रीय सहारा के पूर्व संपादक प्रभाकर शुक्ला ने अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति उत्तर प्रदेश द्वारा निराला नगर उत्सव वाटिका में आयोजित हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए प्रकट किए. आज पत्रकारिता के नाम पर चंद लोग कलम की ताकत निजी हित में प्रयुक्त कर रहे है जो कि पत्रकारिता व पत्रकारों को गर्त कि ओर ले जा रही है ऐसी स्थिति से बचना चाहिए और अपने दायित्व का निर्वहन पूर्ण ईमानदारी के साथ करना चाहिए . इस अवसर पर दैनिक प्रभात के संपादक प्रमोद कुमार सिंह ने संगठन की शक्ति का पाठ पढ़ाते हुए सभी से संगठन में विश्वास जताने की जरुरत बतायी और युवा पत्रकारों को जोश के साथ होश भी कायम रखने कि सलाह दी . राष्ट्रीय संगठन महासचिव राकेश सिंह परिहार ने बोला कि पत्रकार सुरक्षा कानून की लड़ाई को देश में मजबूती के साथ हासिल करना ही अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति का उद्देश्य है.
मीडिया अगर एक जुट न हुआ तो भविष्य में भारत में मीडिया की स्वतंत्रता व पत्रकारों की सुरक्षा की स्तिथि भयावह हो जाएगी. अब वक़्त आ गया संपूर्ण भारत में मीडिया कर्मियों के लिए सुरक्षा देने के लिए संघर्ष करना होगा. उक्त उद्बोधन राष्ट्रीय महसचिव अनुशाशन ने कहीं.
समाजसेवी शशिभूषण शुक्ला सरस ने कहा कि पत्रकार हमेशा लोगो के अधिकारों को अपनी लेखनी के माध्यम से पत्रकारों ने उठाया है. पत्रकार समाज का आइना है.
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष अजय प्रताप नारायण सिंह ने एवं समारोह का संचालन प्रदेश महासचिव सुनील चौधरी एवं प्रदेश उपाध्यक्ष विजय आर्य ने संयुक्त रूप से किया. इस अवसर पर धर्मेन्द्र त्रिपाठी, अपर्णा मिश्र, आकृति अग्रहरी, कुसुम गौर, माधुरी राजपूत, सूरजभान बघेल, नसीम जफ़र, विजय राघव, कृपा शंकर, पुष्पेन्द्र शेखर, धीरज गुप्ता, अभिषेक सिंह, रईस अहमद, शमीम, मुरली मनोहर सरोज, पूनम बहल, मीनाक्षी शर्मा आदि उपश्थित रहे. इससे पहले सभी अतिथियो का शाल एवं प्रतीक चिन्ह भेंट किये.
– सुनील चौधरी,देहरादून