आज वाराणसी के कैंटोमेंट स्थित होटल जिराज मे राष्ट्रीय क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी द्वारा प्रेस वार्ता किया गया जिसमें क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल राय ने बताया कि पार्टी द्वारा पूर्व केंद्रीय मंत्री कल्पनाथ राय जी का सपना ‘पूर्वांचल हो अपना’ की लड़ाई पार्टी लड़ेगी।
*पूर्वांचल लोकप्रिय संस्कृति में शूरवीरों की भूमि के रूप में जाना जाता है*
उन्होंने बताया कि कल्पनाथ राय पूर्वांचल के पहले ऐसे नेता थे जो जन जाति धर्म से ऊपर उठकर लोगों के उत्थान के लिए लड़े थे। लोकप्रिय संस्कृति में पूर्वांचल शूरवीरों की भूमि के रूप में जाना जाता है।
*उत्तर प्रदेश के सबसे पिछडे क्षेत्रों में से एक है पूर्वांचल*
पूर्वांचल उत्तर प्रदेश की सबसे पिछड़े क्षेत्रों में से एक है। और पूर्वांचल के 27 जिलों में खेती ही रोजगार का मुख्य जरिया है। परंतु पिछले कई साल से यह भी घाटे में है। और सड़कें भी टूटी फूटी हुई है तथा गलियों में बहता सीवर का पानी लोगों की राह मे रोड़ा बने हुए हैं।
*पूर्वांचल के प्रमुख मुद्दे, चिंता का विषय है*
पूर्वांचल के प्रमुख मुद्दों में किसानों की समस्या, नागरिक बुनियादी सुविधाओं की कमी, उचित शिक्षा ग्रामीण का अभाव, बेरोजगारी अंधकारमय एवं कानून व्यवस्था चिंता का प्रमुख कारण बना हुआ है। पूर्वांचल हमेशा उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्री सरकार द्वारा नजरअंदाज किया गया है।
*कल्पनाथ राय अगर आज जीवित होते तो वह पूर्वांचल के विकास में चौतरफा भूमिका निभाते*
गोपाल राय का यह भी कहना है विकास पुरुष के नाम से जाने- जाने वाले स्वः कल्पनाथ राय केवल मऊ के नेता नहीं थे। बल्कि देश की सरकार में मंत्री रहते हुए भी वे उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के जनमानस में अपनी अलग राजनीतिक छवि बनाए हुए थे। इसके साथ ही वे देश के संसद से लेकर राष्ट्रीय स्तर के राजनीतिक में अपने सहज अंदाज में जिम्मेदारी को निभाने के लिए जाते थे। यही नहीं बल्कि कल्पनाथ राय अगर आज जीवित होते तो वह पूर्वांचल के चौतरफा विकास में अपनी भूमिका निभाते युवाओं और किसानों की समस्या शायद इस तरह विकराल रुप न लेती। अगर अपने जीवनकाल में राजनीतिक के ऐसे कुछ पुरुष या महापुरुष का अगर पूर्वांचल से हो तो फिर पूर्वांचल की माटी किसी चंदन से कम नहीं होगी
रिपोर्ट-:अनिल गुप्ता वाराणसी