भदोही- काजू भुने प्लेट में बोतल भरी शराब रामराज्य उतरा है एमबीएस अस्पताल में । क्योंकि घूसखोरी व शराब खोरी अब आम बन चुकी है। लेकिन शराब के साथ साथ शबाब का खेल आज भी चौंकाने वाला है । आमतौर पर कई आला अधिकारी इन तमाम बुराइयों से तो बचते रहते हैं । इतना होने के बावजूद अय्याशी और जिस्मफरोशी आज भी जारी है ।वह तब और भी असहनीय हो जाती है जब उसे बड़े अफसर तक नजरअंदाज कर देते हैं।
बताते चलें कि महाराजा बलवंत सिंह चिकित्सालय भदोही में कार्यरत सफाई कर्मी बूढ़ी महिला की द्वारा चिकित्सालय में तैनात सफाई सुपरवाइजर नंदकिशोर की पोल खोली गई तो स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों तक मामला पहुंचने के बाद मामले से बचाव की जद्दोजहद शुरू कर दी गई। महिला को बीते दिनों अस्पताल से यह कह कर निकाल दिया गया कि साहब ने तुम्हें नौकरी से बाहर कर दिया है ।उक्त बातें बताते हुए निष्कासित महिला सफाईकर्मी से सुपरवाइजर ने ₹15 हजार की मांग कर दी। लेकिन सफाई कर्मचारी महिला द्वारा असमर्थता जताने पर सुपरवाइजर नंदकिशोर एक अन्य कर्मी दिनेश बाबू द्वारा बताया गया कि कुछ शर्तों पर बड़े साहब तुम्हें फिर से नौकरी पर रखने को तैयार हैं। लेकिन इसके एवज में ₹10 हजार सहित जिस्मफरोशी के लिए एक युवती का इंतजाम करना पड़ेगा । यह सुनते ही महिला को जैसे सांप सूंघ गया और वह रोती-बिलखती हुई अस्पताल परिसर से बाहर निकल गई। श्रम विभाग के पास पहुंचकर अधिकारियों के समक्ष उसने आप बीती सुनाई तो अधिकारियों ने कार्रवाई किए जाने की बात पर उसे वापस लौटा दिया ।अब यह सवाल खड़ा होता है कि आखिर इस बूढ़ी महिला से धन उगाही के साथ साथ छोरी उपलब्ध कराने की बात क्यों कही गई ? यह जिला प्रशासन के मुंह पर करारा तमाचा है।
रिपोर्ट-:महेश पाण्डेय के साथ (अनंत देव पाण्डेय)भदोही