बरेली। जनपद मे 91 स्वास्थ्य केंद्रों पर रविवार को मुख्यमंत्री जन आरोग्य स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया गया। इस दौरान शहर के कई स्वास्थ्य केंद्रों का हाल जाना तो कही टीकाकरण के लिए गर्भवती भटकती नजर आई तो कही मरीज जांच के लिए लैब टेक्नीशियन का इंतजार करते दिखे। स्टाफ की कमी से चिकित्सकीय सेवाएं प्रभावित हो रही है। जिसका असर स्वास्थ्य मेले पर भी पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार स्वास्थ्य मेले में करीब तीन हजार से अधिक मरीज पहुंचे। बुखार और त्वचा रोग से ग्रसित मरीजों की संख्या अधिक रही। सीएमओ डॉ. विश्राम सिंह ने बताया कि संविदा के माध्यम से लगातार रिक्त पदों पर कर्मचारियों की भर्ती की जा रही है। जल्द समस्या दूर होगी। हालांकि सीमित संसाधनों में भी मरीजों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। शहर के कालीबाड़ी स्वास्थ्य केंद्र पर डॉ. मीनू ओपीडी मे मरीज देख रही थी। दोपहर 12 बजे तक 55 मरीजों को परामर्श दिया चुका था। डॉ. मीनू ने बताया कि केंद्र पर तैनात एलटी को रोस्टर के आधार पर तीन दिन सिविल लाइंस केंद्र पर जाना पड़ता है। वहीं, वैक्सीन रखने के लिए फ्रिज न होने पर गर्भवती मरीजों को दूसरे स्वास्थ्य केंद्र भेजना पड़ रहा है। वही सुभाषनगर के मदीनाथ स्वास्थ्य केंद्र पर दोपहर 1 बजे डॉ. रुचि ओपीडी में मरीज देख रही थीं। उन्होंने बताया कि 65 मरीजों को परामर्श दिया गया है। 11 गर्भवतियों को भी परामर्श दिया गया है। मौसम में बदलाव के चलते ओपीडी में मरीज बढ़े हैं। बताया कि केंद्र पर तैनात लैब टेक्नीशियन को दूसरे केंद्र पर अटैच किया गया है। इसकी वजह से व्यवस्था प्रभावित होती है। इसके अलावा बानखाना स्थित नगरीय स्वास्थ्य केंद्र पर डॉ. पूजा वशिष्ठ ओपीडी में मरीज देख रही थी। दोपहर डेढ़ बजे तक 70 से अधिक मरीजों का पंजीकरण हो चुका था। डॉ. पूजा ने बताया कि यहां स्टाफ की कोई कमी नही है। लगातार सुविधाओं मे भी विस्तार के चलते मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। सबसे ज्यादा मरीज वायरल बुखार के है। वहीं गले में संक्रमण की समस्या भी मरीज बता रहे है।।
बरेली से कपिल यादव