स्कूल खुलने पर बच्चों में दिखा उत्साह, टूटी सड़कों और जलभराव से होेते हुए स्‍कूल पहुंचे प्राइमरी के बच्‍चे

फतेहगंज पश्चिमी, बरेली। कोरोना के कारण 23 मार्च 2020 के बाद से बंद चल रहे कक्षा 1 से 5वीं तक के स्कूल बुधवार से खुल गए। स्कूल में बच्चों के स्वागत की पहले से तैयारी की हुई थी। जिसके तहत स्कूल में आने वाले बच्चों का चंदन से टीका और फूल देकर उनका स्वागत किया गया। परिसर में चारो ओर रौनक बिखर गई। घंटी बजने के साथ ही जहां एक ओर उल्लास की क्लास लगी, वहीं कोरोना की मानो छुट्टी हो गई। किचन शेड से मध्याह्न भोजन की खुशबू बच्चों को आकर्षित करती रही। वहीं, बच्चों को कोरोना से बचाव के लिए जरूरी बातें भी बताई गई। बुधवार को डेढ़ साल बाद जब स्कूल खुले तो बच्चों की रौनक अलग ही देखते बन रही थी। वैसे भी अभिभावकों ने अभी बच्चों को स्कूल भेजने की सहमति नहीं दी है। बुधवार से कक्षा एक से पांचवीं तक के स्‍कूल खुल गए हैं। बरेली में सुबह बच्‍चे टूटी सड़कों और जलभराव से जूझते हुए बच्चे स्कूल पहुंचे। अधिकांश बच्चे मास्क लगाए हुए थे। जो मास्क नहीं लगाए थे उन्हें स्कूल गेट पर एंट्री नहीं दी गई। अभिभावकों के सहमति पत्र के बिना भी किसी छात्र को प्रवेश नहीं मिला। सभी स्कूलों ने ट्रांसपोर्ट सिस्टम शुरू नहीं किया है। इस कारण अभिभावकों को बच्चों को छोड़ने के लिए आना पड़ा। शहरी क्षेत्रों के निजी स्कूलों के साथ-साथ परिषदीय स्कूलों में भी लगभग 50 फीसदी उपस्थिति दर्ज की गई। ग्रामीण क्षेत्रों में उपस्थिति बेहद कम रही। 10 से 20 फीसदी छात्र ही स्कूल आए हैं। छात्रों की कम उपस्थिति के चलते अभी सभी विद्यालयों ने ऑनलाइन कक्षाएं भी चालू रखी है। संक्रमण से बचाव के लिए सैनिटाइजेशन और थर्मल स्क्रीनिग के बाद ही उन्हें स्कूल में प्रवेश दिया गया। स्कूल प्रबंधन की ओर से लागू बंदिशों की वजह से बच्चे भले ही खुलकर मस्ती न कर सके, लेकिन एक दूसरे का हाल जाना और पढ़ाई के माहौल में ढलने का प्रयास किया। कोविड प्रोटोकाल का पालन कराने के लिए सेक्रेड हा‌र्ट्स स्कूल में सभी कक्षाओं की सीसीटीवी कैमरों से निगरानी होती रही। हार्टमैन कॉलेज ने अभी कक्षा एक से पांचवीं तक की ऑफलाइन पढ़ाई शुरू नहीं की है।।

बरेली से कपिल यादव

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