बरेली। पति की दीर्घायु और खुशहाली के लिए सुहागिनों ने श्रद्धा और विश्वास के साथ वट सावित्री व्रत की पूजा-अर्चना की। महिलाओं ने वट सावित्री का व्रत रखकर घरों और मंदिरों में पूजन किया। श्री हरि मंदिर, तपेश्वरनाथ मंदिर, रेलवे कॉलोनी पानी की टंकी के पास, बदायूं रोड शिव मंदिर आदि स्थानों पर महिलाएं वट सावित्री का पूजन करने के लिए पहुंचीं। महिलाओं ने फल, चने, सुहाग का सामान, पीले धागे आदि सामग्री के साथ पूजन शुरू किया। किसी ने चौमुखी तो किसी ने एक बाती का दीपक प्रज्वलित कर सावित्री व सत्यभान की कथा कही। इसके बाद एक दूसरे को पीले धागों की माला पहना कर पूजन संपन्न किया। आटा व गुड़ के बने मालपुआ खाकर व्रत खोला। पंडित सुनील के अनुसार वट सावित्री के दिन वट यानी बरगद के पेड़ का पूजन इसलिए होता है, क्योंकि इसमें सभी देवताओं का वास माना जाता है। बताया कि मंगलवार को शनि जयंती मनाई जाएगी। कस्बे व देहात क्षेत्र में सोमवार की सुबह से सुहागिनों का जगह-जगह वट वृक्ष के पेड़ के पास तांता लगा रहा। पूजा-पाठ के दौरान सुहागिनों ने व्रत खोलकर पति और बुजुर्गों से आशीर्वाद लिया। इस पर्व को लेकर सुहागिनें एक दिन पहले से ही उत्साहित दिखी। कस्बे के पास बह रही पनघैली नदी के पास स्थित वट वृक्ष की पूजा अर्चना कर रक्षा सूत्रबांधा। वही मीरगंज मे वट सावित्री व्रत पर सुहागिनों ने अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए व्रत रखा और बरगद के पेड़ की पूजा की। परंपरा अनुसार, महिलाओं ने सज-धजकर पूजा थाल के साथ वट वृक्ष की सात परिक्रमा की और सावित्री-सत्यवान की कथा सुनी। इसी कथा के स्मरण में महिलाएं यह व्रत रखती है। अमावस्या पर व्रत के बाद महिलाओं ने विधिपूर्वक पूजा कर अखंड सौभाग्य की कामना की।।
बरेली से कपिल यादव