सुरक्षा व्यवस्थाओं में लापरवाही बरतने पर कोई समझौता नहीं होगा – दीपक भार्गव

राजस्थान/बाड़मेर – भारत में हर साल 26 जनवरी को रिपब्लिक डे यानी कि गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। इस साल देश अपना 73वां गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा। वहीं लगातार दूसरी बार कोराना भडभडी के कारण कोई भी मुख्य अतिथि कोविड-19 मामलो के कारण दिल्ली में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में शामिल नहीं होगा। 1950 में 26 जनवरी को ही भारत सरकार अधिनियम (1935) को भारत के शासन में स्थाई सविधान दस्तावेज के रूप में प्रतिस्थापित करते हुए, भारत का संविधान लागू हुआ था। इस बार आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के दौरान बाड़मेर जिला मुख्यालय सहित पूरे जिले की सुरक्षा व्यवस्थाओं में कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए और ना ही लापरवाही बरतने वाले के साथ कोई समझौता होगा, राजस्थान पुलिस का स्लोगन आमजन में विश्वास ओर अपराधियों में भय होगा तो ही आमजन अपने आप को सुरक्षित महसूस करेंगे l

भार्गव ने बताया कि भारत ने 15 अगस्त 1947 को एक संवैधानिक राजतंत्र के रूप में अपनी स्वतंत्रता प्राप्त की। हालांकि, उनके पास एक स्थायी संविधान नहीं था। इसलिए, 29 अगस्त, 1947 को एक स्थायी संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए मसौदा समिति की नियुक्ति के लिए एक प्रस्ताव पेश किया गया, जिसके अध्यक्ष डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर थे।

एक मसौदा संविधान तैयार किया गया था और 4 नवंबर, 1947 को प्रस्तुत किया गया था, और कई विचार-विमर्श और संशोधनों के बाद, विधानसभा के 308 सदस्यों ने 24 जनवरी, 1950 को दो हस्तलिखित प्रतियों में हस्ताक्षर किए। 26 जनवरी, 1950 को, डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने भारतीय संघ के अध्यक्ष के रूप में अपना पहला कार्यकाल शुरू किया था।

इस दिन, राष्ट्रपति राजपथ, नई दिल्ली में राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। इसके बाद यहां पर औपचारिक भारतीय सेना के जवानों द्वारा परेड आयोजित होती है। भारत के राष्ट्रपति, जो भारतीय सशस्त्र बलों के कमांडर -इन- चीफ हैं, सलामी लेते हैं। साथ ही, हर साल राष्ट्रपति भारत के नागरिकों को पद्म पुरस्कार वितरित करते हैं, यह भारत रत्न के बाद भारत में दूसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार है।

– राजस्थान से राजूचारण

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