नई दिल्ली- सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ शिमला में दर्ज राजद्रोह का मुकदमा खारिज करने का आदेश दिया है।
दुआ का कहना था कि यूट्यूब चैनल में केंद्र की आलोचना के चलते उन्हें परेशान किया जा रहा है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह मांग ठुकरा दी है कि अनुभवी पत्रकारों पर राजद्रोह केस दर्ज करने से पहले हाईकोर्ट जज वाली कमिटी से मंजूरी ली जाए..
दुआ के खिलाफ उनके यूट्यूब कार्यक्रम के संबंध में छह मई को शिमला के कुमारसेन थाने में बीजेपी नेता श्याम ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी. श्याम ने आरोप लगाया था कि दुआ ने अपने यूट्यूब शो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर वोट पाने की खातिर ‘मौत और आतंकी हमलों’ का इस्तेमाल करने के आरोप लगाए थे.. न्यायमूर्ति यू यू ललित और न्यायमूर्ति विनीत सरन की पीठ ने पिछले साल छह अक्टूबर को दुआ, हिमाचल प्रदेश सरकार और मामले में शिकायतकर्ता की दलीलें सुनने के बाद याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने कहा था कि दुआ को इस मामले के संबंध में हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा पूछे जा रहे किसी भी पूरक सवाल का जवाब देने की जरूरत नहीं है..
इससे पहले, कोर्ट ने पिछले साल 14 जून को अप्रत्याशित सुनवाई करते हुए विनोद दुआ को अगले आदेश तक गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान कर दिया था लेकिन उसने उनके खिलाफ चल रही जांच पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था…